कोटखाई केस पर पहले ही दिन सदन में हंगामा, BJP ने किया वॉकआउट

Tuesday, Aug 22, 2017 - 05:04 PM (IST)

शिमला (राजीव/विकास): हिमाचल की 12वीं विधानसभा के आखिरी सत्र के पहले दिन मंगलवार को सदन में खूब हंगामा हुआ। गुड़िया केस मामले में कानून व्यवस्‍था पर सवाल खड़े करते हुए भाजपा ने सरकार पर जोरदार हमला बोला। सदन में विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया और अध्यक्ष बीबीएल बुटेल से नियम 67 के तहत दिए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। इस बीच, नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि जब सरकार जान-माल की रक्षा करने में असफल रहे तो कानून व्यवस्था सबसे अहम मुद्दा बन जाता है और तभी यह नियम 67 में दिया गया है। इससे अहम मुद्दा आज क्या है।


कोटखाई मामले पर चर्चा होनी चाहिए
धूमल ने कहा कि बहुचर्चित कोटखाई रेप एंड मर्डर मामले और होशियार सिंह की हत्या जैसे बहुत महत्वपूर्ण मामले हैं और इन पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इसे सरकार को भेजा है और वहां से जवाब आने के बाद चर्चा तय की जाएगी। विपक्ष ने कहा कि वे इसी समय चर्चा की मांग करते हैं लेकिन बात नहीं बनी और फिर अध्यक्ष ने कहा कि वे चैंबर में तय करते हैं कि इस मुद्दे पर कब चर्चा करनी है और इसे देखते हुए उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी, लेकिन बाद में जैसे ही सदन कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य सदन में नारेबाजी करने लगे और शोरगुल के बीच ही सदन की कार्यवाही चलने लगी।


नियम 67 पर जैसे मुद्दों पर होनी चाहिए चर्चा
विपक्ष की मांग तब भी पूरी ना होने पर सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्षी दल के सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल की अगुवाई में सदन में नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद स्पीकर को विधानसभा की कार्रवाई बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। उधर, विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष के अड़ियल रुख के आगे झुकने को तैयार नहीं है। बुटेल के मुताबिक नियम 67 पर सिर्फ आपातकाल स्थिति जैसे मुद्दों पर ही चर्चा हो सकती है, कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर नहीं। 


कानून व्यवस्था पर चर्चा करने से पीछे नहीं हटेगी बीजेपी
उन्होंने कहा कि विपक्ष के ऐसे रुख को देखते हुए सदन की कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से चलना मुश्किल दिख रहा है लिहाजा वो अपनी तरफ से बुधवार को एक बार फिर ऑल पार्टी मीटिंग कर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। हिमाचल में पिछले कुछ समय से गुडिया गैंगरेप और कुल्लू नाबालिग रेप जैसे संगीन मामलों में इजाफा हो रहा है। राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव भी है लिहाजा विपक्ष में बैठी बीजेपी इन्हीं मुद्दों को हथियार बनाकर सरकार पर वार करने में चूकना नहीं चाहती। यही वजह है कि बीजेपी अब विधानसभा सत्र में कानून व्यवस्था पर चर्चा करने के अपने इरादे से पीछे हटने के मूड में नहीं है।