कोटरोपी में फिर से बड़े हादसे का इंतजार कर रहा प्रशासन, ये रही वजह (Video)

Tuesday, Jun 12, 2018 - 04:09 PM (IST)

मंडी (नीरज): 12 और 13 अगस्त 2017 की वो काली रात शायद ही कोई भूल पाया होगा। जब मंडी जिला के पधर उपमंडल के तहत आने वाले कोटरोपी गांव के पास हिमाचल प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भूस्खलन हुआ था। पहाड़ी का एक बहुत बड़ा हिस्सा जमींदोज हो गया और इसकी चपेट में सड़क से गुजर रही एचआरटीसी की दो बसें और कुछ अन्य वाहन आए थे। इस पूरे हादसे में 48 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से दो शव अभी तक बरामद नहीं हो सके हैं। बरसात के मौसम में हुए इस भीषण भूस्खलन के बाद अब एक बार फिर बरसात का मौसम नजदीक आते ही धड़कने तेज होने लग गई हैं। लेकिन बड़ा सवाल की आखिर एक वर्ष होने को हैं और इतने बड़े हादसे से प्रशासन ने क्या सबक लिया। यहां फिर से किसी बड़े हादसे का इंतजार हो रहा है।


कोटरोपी जाकर देखा जाए तो ऐसा कतई नहीं लगता कि हादसे के बाद कोई सबक लिया गया हो। बरसात का मौसम आने को है और यहां पर अभी तक पानी की निकासी के कोई उचित प्रबंध नहीं किए जा सके हैं। यहां एक बहुत बड़ा नाला बहता था जो अब मलबे में दब गया है, लेकिन जब बरसात आएगी तो पानी आगे जाने के लिए रास्ता ढूंढेगा। ऐसे में अब यहां के बाशिंदों को फिर से किसी बड़ी अनहोनी का डर सताने लग गया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बरसात के मौसम की आहट उन्हें अभी से ही डराने लग गई है, क्योंकि यहां पानी की निकासी के कोई पुख्ता बंदोबस्त नहीं हैं। हमने भी ग्राउंड जीरो पर जाकर सारी स्थिति का जायजा लिया। मौके पर जाकर देखा तो पता चला कि यहां भारी मलबा आने के बाद कुछ जगह अस्थायी जलाशय बन गए हैं।


भीषण गर्मी में भी इनका पानी नहीं सूखा है। बरसात का मौसम आने पर यह जलाशय कहर बनकर टूटेंगे। वहीं लोक निर्माण विभाग ने मात्र खानापूर्ति के लिए तीन फीट का एक पाईप पानी की निकासी के लिए लगा दिया है। इस पाइप के सामने भी पहले पानी इकट्ठा होगा और फिर वो मलबे को अपने साथ बहाकर ले जाने के बाद रास्ता बनाएगा। वहीं हमने इस बारे में डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर से भी बात की। उन्होंने बताया कि कोटरोपी में पानी की निकासी के उचित प्रबंध करने के लिए प्रशासन ने 16.50 लाख की अतिरिक्त राशि जारी की है और वहां पर काम जारी है।


उन्होंने आश्वस्त किया कि बरसात के मौसम से पहले पानी की निकासी के उचित प्रबंध कर लिए जाएंगे। वहीं यहां अभी तक न तो सड़क को पक्का किया जा सका है और न ही गांव की तरफ जाने वाले रास्तों को सुचारू किया जा सका है। हादसे के बाद जो स्ट्रीट लाइट यहां लगाई गई थी उन्हें भी बंद कर दिया गया है और ऐसा कहा जा रहा है कि इन्हें बरसात के मौसम में फिर से ऑन कर दिया जाएगा। कोटरोपी को लेकर भले ही जो दलीलें दी जा रही हों लेकिन हालात यही बता रहे हैं कि आने वाला बरसात का मौसम रात भरोसे ही है।

Ekta