Himachal: जहां हर कोना बोलता है शांति की भाषा, जानिए दलाई लामा टेंपल की खास बातें
punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 03:48 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। दलाई लामा के 90वें जन्मदिन को लेकर दुनिया भर में धूम है। इसी मौके पर आइए जानते हैं मैक्लोडगंज में स्थित दलाई लामा मंदिर, जिसे त्सुगलागखांग कॉम्प्लेक्स के नाम से भी जाना जाता है, की कुछ खास बातें जो इसे बेहद अनूठा बनाती हैं।
दलाई लामा मंदिर: तिब्बती संस्कृति का केंद्र
यह मंदिर तिब्बती संस्कृति और अध्यात्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका निर्माण 1959 में तिब्बती आध्यात्मिक नेता परम पावन 14वें दलाई लामा के तिब्बत से निर्वासन के बाद किया गया था। तब से, यह निर्वासित तिब्बती समुदाय के आध्यात्मिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है। यह मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं है, बल्कि तिब्बती पहचान और विरासत का प्रतीक है।
बेजोड़ वास्तुकला का नमूना
दलाई लामा मंदिर अपनी सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है। यह वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें पारंपरिक तिब्बती और भारतीय शैलियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। यह मिश्रण भारत की विविध संस्कृतियों और विचारधाराओं के सह-अस्तित्व को दर्शाता है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही एक सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है, जो मन और आत्मा को सुकून पहुंचाती है। यहां की हवा में एक खास सकारात्मकता महसूस होती है, जो इसे और भी खास बनाती है।
आध्यात्मिक महत्व से भरपूर
दलाई लामा मंदिर का आध्यात्मिक महत्व बौद्ध धर्मावलंबियों और सत्य के साधकों के लिए बहुत अधिक है। यह सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि एक पवित्र स्थान है जहां लोग ईश्वर से जुड़ सकते हैं और आत्म-खोज की यात्रा पर निकल सकते हैं। दुनिया भर से लोग परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद, सांत्वना और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं। दलाई लामा की उपस्थिति मंदिर को करुणा और ज्ञान की आभा से भर देती है, जिससे हर आगंतुक को शांति और प्रेरणा मिलती है।
यहां तक पहुंचना है बेहद आसान
दलाई लामा मंदिर तक पहुंचना काफी सुविधाजनक है। निकटतम हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है, जहां दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों से कई घरेलू उड़ानें आती हैं। हवाई अड्डे से आप धर्मशाला शहर तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या पहले से बुक की गई शटल सेवा का उपयोग कर सकते हैं।
सड़क मार्ग से भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप अपनी गाड़ी चलाकर आ सकते हैं या राज्य द्वारा संचालित और निजी बसों का विकल्प चुन सकते हैं। धर्मशाला से दलाई लामा मंदिर लगभग 10 किमी दूर है, और यह यात्रा बेहद सुखद होती है। धर्मशाला में बस स्टैंड के पास टैक्सी स्टैंड से टैक्सी किराए पर ली जा सकती है या साझा कैब का विकल्प भी उपलब्ध है।
जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान बताते हैं कि दलाई लामा मंदिर के कारण धर्मशाला में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। दलाई लामा ने विश्व मानचित्र पर मैक्लोडगंज को एक विशेष पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह मंदिर आज न केवल तिब्बती समुदाय बल्कि सभी के लिए आस्था का केंद्र बन गया है।