जानिए, हिमाचल में कितने हजार विद्यार्थियों ने दी हिमोत्कर्ष छात्रवृत्ति परीक्षा

Sunday, Nov 26, 2017 - 08:42 PM (IST)

ऊना: हिमोत्कर्ष साहित्य संस्कृति एवं जनकल्याण परिषद द्वारा हिमोत्कर्ष छात्रवृत्ति परीक्षा-2017 रविवार को संपन्न हो गई। छात्रवृत्ति परीक्षा में प्रदेश के 6 जिलों में 167 परीक्षा केंद्रों में 18139 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। परीक्षा के तहत 8वीं, 9वीं व 10वीं कक्षा के विद्याॢथयों के लिए ऑब्जैक्टिव टाइप पेपर संपन्न हुआ। परीक्षा रविवार को सुबह 11 बजे सभी परीक्षा केन्द्रों में शुरू हुई तथा 12 बजे समाप्त हुई। हिमोत्कर्ष छात्रवृत्ति प्रकल्प के निदेशक बी.एल. कौशल ने बताया कि सभी स्थानों पर परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। इसके लिए जिला ऊना में 72, हमीरपुर में 17, कांगड़ा में 22, मंडी में 19, चम्बा में 22 तथा सिरमौर में 15 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। जिसमें 450 स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं ने अपनी नि:शुल्क सेवाएं प्रदान कीं। 

किस जिला से कितने विद्यार्थियों ने दी परीक्षा
उन्होंने बताया कि परीक्षा में ऊना जिला से कुल 8167 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया, जिनमें आठवीं में 2540, नवमीं में 2884, 10वीं में 2743 विद्यार्थी शामिल रहे। चम्बा जिला में डल्हौजी व चम्बा शाखाओं के तहत कुल 2788 बच्चों ने परीक्षा दी जिसमें 8वीं कक्षा से 744, 9वीं से 1003 तथा 10वीं से 1041 विद्यार्थी शामिल रहे। हमीरपुर जिला में कुल 2075 बच्चों में 8वीं से 659, 9वीं से 755 तथा 10वीं से 661 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। कांगड़ा जिला से 3 ब्रांचों पालमपुर, नूरपुर व कांगड़ा से कुल 3167 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी, जिसमें 8वीं से 946, 9वीं से 1134 तथा 10वीं से 1087 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे। जिला मंडी में कुल 1238 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया, जिसमें 8वीं से 359, 9वीं से 446 तथा 10वीं से 433 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। सिरमौर जिला में कुल 704 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया जिसमें 9वीं कक्षा से 216, 9वीं से 278 तथा 10वीं से 210 बच्चे शामिल हुए। 

अगले माह के अंत तक घोषित होगा परिणाम
बी.एल. कौशल ने बताया कि परीक्षा का परिणाम अगले माह के अंत तक घोषित कर दिया जाएगा। परीक्षा के आधार पर प्रदेश भर से 400 के करीब छात्र-छात्राओं को मैरिट, निर्धनता के आधार पर नकद छात्रवृत्ति व 125 के करीब विद्यार्थियों को रजत पदकों से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रकल्प पर परिषद हर साल लगभग 10 लाख रुपए की राशि व्यय करती है। बी.एल. कौशल ने परीक्षा को कंडक्ट करने के लिए नि:शुल्क सेवाएं देने के लिए सभी स्वयंसेवियों का भी आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जनसहयोग से हिमोत्कर्ष परिषद पिछले 29 सालों से इस प्रकल्प को चला रही है।