कसौली शूटआउट: 5 दिन बाद भी घायल बेलदार गुलाब को नहीं मिली कोई फौरी राहत

Sunday, May 06, 2018 - 02:38 PM (IST)

कसौली (चिनमय): कसौली शूटआउट में होटलों के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का खामियाजा दो सरकारी कर्मियों को भुगतना पड़ा। क्योंकि जब इस कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा था तो एक होटल व्यवसायी ने विरोध स्वरूप वहां उपस्थित सरकारी कर्मचारियों पर गोलियां बरसा दी थी। जिसमें एक महिला अधिकारी शैल बाला की जान चली गई और लोक निर्माण विभाग का बेलदार गुलाब सिंह इस गोलीकांड में गम्भीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें पीजीआई रैफर कर दिया गया था। जहां पिछले पांच दिनों से उसका इलाज चल रहा है। रोज हजारों रुपए खर्च हो रहे हैं। ऐसे में उसका परिवार जैसे तैसे इधर-उधर से पैसे पकड़ कर किसी तरह से यह खर्च वहन कर रहा है। कुछ विभाग कर्मियों ने भी आगे आकर सामाजिक दायित्व निभाते हुए बेलदार की मदद के लिए हाथ बढ़ाए। 


हैरानी वाली बात यह है कि इतना बड़ा हादसा हो गया जिसमें एक महिला अधिकारी की मौत हो गई। जिसे गौरव पुरस्कार देने के लिए प्रदेश सरकार ने सिफारिश की है, लेकिन अभी तक शायद सरकार का ध्यान इस बेलदार के बलिदान की तरफ नहीं गया जो अवैध निर्माण को गिराने की मुहीम की सरकारी कार्रवाई में सबसे आगे रहा। एसे में आप सोच सकते हैं कि एक बेलदार जिनका घर का खर्च बेहद मुश्किल से चलता है। वह और उसका परिवार पीजीआई का खर्च कैसे उठा रहा होगा। 


इस बारे में जब एसडीएम सोलन आशुतोष गर्ग से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि घायल गुलाब को मुख्यमंत्री ने एक लाख रुपए देने की घोषण की है, जिसके लिए आवश्यक औपचारिकताएं की जा रही है। जल्द ही यह राशि जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अभी और कोई वितीय मदद घायल गुलाब को नहीं दी गई है। 55 वर्षीय गुलाब की दो बेटियां है, जो कॉलेज में पड़ रही हैं। पत्नी घर संभालती है। गुलाब के कंधों पर ही घर की जिम्मेवारी है। अभी उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है, लेकिन उन्हें अभी और कितने दिन पीजीआई में गुजारने होंगे, इस बार में कुछ कहा नहीं जा सकता। 


 

Ekta