कारगिल हीरो बोले- सीमा पर लड़ चुके अब समाज के लिए लड़ेंगे

Tuesday, Aug 08, 2017 - 11:55 AM (IST)

मंडी: कारगिल वार के हीरो और इस युद्ध में बतौर कमांडर रहे मंडी जिला के नगवाईं के निवासी सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर का सेना से लेकर सिविल तक संघर्ष काबिल-ए-तारीफ है। एक फौजी का जोश न तब कम था और न अब कम हुआ। सेना में रहते हुए 4 लड़ाइयों में हिस्सा लेने वाले ब्रिगेडियर खुशहाल अब विभिन्न संगठनों और संस्थाओं से जुड़कर दूसरों के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने अब फोरलेन प्रभावितों के मसले को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष उठाने व विस्थापितों व प्रभावितों को उनका हक दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।


जनता मौका दे तो विधानसभा चुनाव लड़ूंगा
राजनीति में आने पर ब्रिगेडियर खुशहाल कहते हैं कि यदि पार्टी और जनता उन्हें मौका दे तो मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि सीमा पर लड़ चुके हैं अब समाज के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री कौल सिंह एक अनुभवी व समझदार नेता हैं लेकिन उनकी भूमिका विधायक, राजस्व मंत्री व कानून मंत्री के रूप में नकारात्मक रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और उनकी अच्छी लोकप्रियता रही है। अगर भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री चेहरा घोषित न किया तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।


भाजपा मौका दे तो मैं चुनाव लड़ने को तैयार
राजनीति पर ब्रिगेडियर खुशहाल कहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी व प्रधानमंत्री मोदी के विचारों, कार्यों व राजनीतिक निर्णय लेने की इच्छाशक्ति से प्रभावित होकर मैंने भाजपा ज्वाइन की। वह कहते हैं कि मैं भाजपा से जुड़ा एक छोटा-सा कार्यकर्ता व सैनिक हूं। पार्टी अगर मुझे यह जिम्मेदारी देती है तो मैं निभाने के लिए तैयार हूं। मुझे हरी झंडी मिली तो मैं चुनावों में जरूर उतरूंगा। आपको नहीं लगता कि बॉर्डर पर लडऩा आसान और राजनीतिक मोर्चे पर कठिन है? अगर हां तो क्यों? प्रश्र पर ब्रिगेडियर खुशहाल का कहना है कि बॉर्डर पर और राजनीतिक लड़ाई दोनों अलग-अलग प्रकार की लड़ाइयां हैं। दोनों की तुलना भी नहीं की जा सकती। समाज में भी राजनीतिक मोर्चे पर लड़ाई लड़ना जरूरी है क्योंकि समाज के विकास के लिए अगर कोई कारगर तरीका है तो वह राजनीति ही है लेकिन राजनीति सकारात्मक होनी चाहिए।