Kangra: हिमानी चामुंडा जाते हुए एक युवक पर छुरी से हमला, टांडा में भर्ती
punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 10:19 PM (IST)

पालमपुर/कांगड़ा (भृगु/कालड़ा): आस्था के केंद्र श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में एक युवक पर दूसरे युवक ने हमला कर दिया। हमला घर में उपयोग में लाई जाने वाली छोटी छुरी से किया गया है। हमले में घायल युवक को उपचार के लिए डाक्टर राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने इस आरोपी युवक के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। जानकारी के अनुसार योल पुलिस चौकी के तहत हिमानी चामुंडा जाते हुए दो युवकों में झगड़ा होने के बाद एक युवक ने दूसरे पर छुरी से हमला कर दिया।
घायल संदीप कुमार (29) निवासी टांडा को उपचार के लिए डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा लाया गया है जहां उसका उपचार चल रहा है। घटना 6 जून को घटित हुई। पुलिस के अनुसार उसकी हालत स्थिर है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की छानबीन शुरू कर दी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस जांच कर रही है।
रात-दिन कर रहे श्रद्धालु मंदिर में आवाजाही
लगभग 10000 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में पिछले कुछ वर्षों से अत्यधिक बढ़ौतरी हुई है। मंदिर की ओर जाने वाले दोनों मार्गों में सौर ऊर्जा संचालित प्रकाश व्यवस्था किए जाने के पश्चात रात-दिन श्रद्धालु मंदिर में आवाजाही कर रहे हैं। गत वर्ष अधिकारी के आंकड़े के अनुसार लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे तथा इस वर्ष यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने की भी आवश्यकता
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ मंदिर आने वाले लोगों में तकरार की घटना भी सामने आ रही है बताया जा रहा है कुछ दिन पहले पंजाब से आए युवकों के मध्य भी तकरार हुई थी लेकिन इसकी शिकायत नहीं की गई। कुछ समय पहले पुजारी के साथ भी दुर्व्यवहार की घटना सामने आ चुकी है। मंदिर में सुरक्षा के लिए मंदिर ट्रस्ट की ओर से दो लोगों की तैनाती की गई है परंतु जिस प्रकार से श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है उसके दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने की भी आवश्यकता बताई जा रही है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आमतौर पर 7 से 8 घंटे लगते हैं, यद्यपि यह संबंधित व्यक्ति की चलने की क्षमता के आधार पर काम ज्यादा भी हो जाता है। ऐसे में रास्ते में या मंदिर परिसर में किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना घटती है तो पुलिस के वहां पहुंचने तथा वापस आने में कई घंटे का समय लग सकता है।