टांडा में झुलसी स्टाफ नर्स की मौत, कर्मी भड़के

Monday, Oct 22, 2018 - 05:05 PM (IST)

कांगड़ा (किशोर/कालड़ा): डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज एवं अस्पताल प्रशासन में कार्यरत विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों में स्टाफ नर्स रोजी ठाकुर की मौत को लेकर प्रशासन के खिलाफ रोष उग्र हो गया है। आग की चपेट में झुलसी स्टाफ  नर्स की उपचाराधीन के दौरान प्रशासन द्वारा सुध न लिए जाने के खिलाफ  कर्मचारियों में रोष बढ़ा है। इतना ही नहीं कर्मचारियों का आरोप है कि स्टाफ नर्स की हालत गंभीर होने के बाद भी लापरवाह रवैया अपनाया गया था, जिससे कि उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन तथा चिकित्सक द्वारा अपनाए गए लापरवाह रवैये के खिलाफ सोमवार को कर्मचारियों ने पैन डाऊन करने का ऐलान किया है। टी.एम.सी. कर्मचारी महासंघ के प्रधान एस.एस. राणा सहित अन्य ने कहा कि टी.बी. चिकित्सालय में तैनात स्टाफ नर्स रोजी ठाकुर करीब 10 दिन पहले क्वार्टर में काम करने के दौरान आगजनी की घटना में घायल हो गई थी, जिसके बाद वह टी.एम.सी. की बर्न यूनिट में उपचाराधीन थी। उक्त घायल नर्स की इलाज के दौरान मौत हो गई। कर्मचारियों सहित मृतका के पति राजेश चौहान ने आरोप लगाया कि बीते 10 दिनों में न ही कालेज और न ही अस्पताल प्रशासन से कोई अधिकारी हाल-चाल पूछने के लिए आया। उन्होंने आरोप लगाया कि शनिवार को रोजी की हालत नाजुक हो गई थी तो चिकित्सक को बुलाया गया।


2 घंटे तक चिकित्सक जांच करने के लिए नहीं पहुंचे
मृतका के पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि करीब 2 घंटे तक चिकित्सक को बुलाते रहे, लेकिन चिकित्सक जांच करने के लिए नहीं पहुंचे। इतना ही नहीं 2 घंटे के बाद जूनियर को भेजा गया तथा बोला गया कि रोजी की पल्स रेट तथा यूरिन टैस्ट की रिपोर्ट उन्हें देते रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी लापरवाही के चलते ही शनिवार रात 8 बजे रोजी ने अंतिम सांस ली। टी.एम.सी. में तैनात स्टाफ नर्स के प्रति अपनाए गए रवैय से सभी कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी केवल राजनीति करने में मशगूल होते हैं, जबकि यहां पर आने वाले मरीजों के प्रति वे कोई जिम्मेदारी नहीं समझते हैं। रविवार को टी.एम.सी. के कर्मचारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इस दौरान टी.एम.सी. कर्मचारी भी मृतका के घर हमीरपुर के लिए गए।

Kuldeep