सबसे पहले टीबी, कुपोषण व कुष्ठ रोग मुक्त होगा कांगड़ा जिला : अनुराग

Tuesday, Feb 23, 2021 - 07:12 PM (IST)

कांगड़ा (नितिन): केंद्र सरकार के कार्यक्रम कितने धरातल पर पहुंच रहे हैं, इसको लेकर दिशा की बैठक में आयोजित की गई। जिन विभागों ने अच्छा काम किया है, उन्हें प्रोत्साहित किया है और जहां कमियां रही हैं, उन्हें दूर करने की बात कही गई है ताकि संबंधित विभागों के टारगेट्स अचीव हो सकें। यह बात केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने जिला मुख्यालय धर्मशाला में दिशा की बैठक की अध्यक्षता करने उपरांत पत्रकारों से बातचीत में कही। अनुराग ने कहा कि उन्होंने जिला कांगड़ा व चम्बा को टीबी, एचआईवी एड्स और कुष्ठ रोग मुक्त बनाने तथा कुपोषण मुक्त बनाने के लिए जमीन पर कार्रवाई होनी चाहिए और इसमें पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और अधिकारी ऐसी योजनाओं को लेकर धरातल पर जाएं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले कांगड़ा जिला टीबी, कुपोषण व कुष्ठ रोग मुक्त होगा।

पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर उन्होंने कहा कि यह एक इश्यू हमारे सामने हैं, उसको लेकर दुनिया भर के देशों में भी इम्पेक्ट हो रहा है। सीयू के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने इस विषय पर विस्तार से बात रखी है। सीयू को लेकर प्रदेश सरकार ने जो जमीन चिन्हित की है जदरांगल में, उसका विजिट सांसद किशन कपूर ने करवाया है। केंद्र की टीम यहां आई थी, केंद्रीय टीम ने जो आब्जेक्शन लगाए होंगे, उसकी डिटेल प्रोजैक्ट रिपोर्ट आती है तो उन त्रुटियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार व अधिकारी उस पर काम करेंगे। सीयू की देहरा की जमीन का पैसा वर्ष 2017 में जमा करवा दिया गया था, उस जमीन को विभाग के नाम होने के लिए 3 साल का समय लगा है।  उन्होंने कहा कि जो 3 साल में नहीं हुआ, वो हमने 3-4 माह में कर दिया। केंद्र से यूजर एजेंसी का भी चेंज हो गया है और अब यह सारी स्थिति क्लीयर हो गई है।

देहरा उपमंडल के अंतर्गत सड़कों की बदहाली पर उन्होंने कहा कि इन मामलों को दिशा की पिछली बैठक में उठाया था और सीएम के प्रवास के दौरान भी इन बातों को उठाया गया था। बढलठोर में पानी एकत्रित होने की वजह से आना-जाना मुश्किल हो जाता था। विभाग ने उस पर उचित कार्रवाई की और जो अमृतसर के ठेकेदार थे उन्हें 75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जहां पर पानी रुकता था, वहां 50 लाख रुपये खर्च किए गए और शेष कार्य को जो रुका था, उसे शुरू किया गया है। वहीं दूसरे जो ठेकेदार थे उन्हें ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और काम तेजी से करने को कहा गया है।

कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार पर उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग ने अपनी संस्तुतियां दी हैं। मनरेगा में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 30 करोड़ रुपये खर्च होते थे, निचले स्तर पर धांधली होती थी, काम करने वालों को पैसा नहीं मिल पाता था। मोदी सरकार ने मनरेगा कार्यों की जियो टैगिंग की और हर मनरेगा वर्कर के खाते में सीधा पैसा आता है। मनरेगा का बजट भी 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर वर्ष 2021-22 वित्तीय वर्ष में 73 करोड़ रुपए किया गया है, दिहाड़ी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी है।

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Vijay