PICS: चैत्र नवरात्रों के लिए सजे हिमाचल के शक्तिपीठ, दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु

Tuesday, Mar 28, 2017 - 10:07 AM (IST)

ज्वालामुखी/चिंतपूर्णी/कांगड़ा: चैत्र माह के नवरात्रों के लिए हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठ सजा गए हैं। मंगलवार से शुरू हुए चैत्र नवरात्रों के लिए जिला व मंदिर प्रशासन ने प्रत्येक मंदिर में विशेष इंतजाम किए हैं। कांगड़ा के शक्तिपीठों ज्वालामुखी, बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा, चामुंडा देवी सहित ऊना के चिंतपूर्णी, बिलासपुर के नयना देवी में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। सभी मंदिरों में मैटल डिटैक्टर के साथ-साथ अन्य सुरक्षा उपकरणों से पुलिस जांच के बाद ही प्रवेश की इजाजत होगी। साथ ही हर मंदिर में सी.सी.टी.वी. कैमरों से भी नजर रखी जाएगी। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को पंक्तियों में ही दर्शन करवाए जाएंगे। 4 अप्रैल तक चलने वाले नवरात्र की तैयारियों की समीक्षा भी जिला प्रशासन ने की है।


ज्वालामुखी मंदिर में सुरक्षा घेरा पुख्ता किया गया है और पुलिस कंट्रोल रूम में कैमरों से पूरी तरह चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है, जिसके लिए पुलिस कंट्रोल रूम में एल.सी.डी. स्थापित की गई है। मंगलवार को यहां झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ चैत्र माह के नवरात्रों का शुभारंभ किया गया। 


चिंतपूर्णी मंदिर प्रशासन द्वारा भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चैत्र नवरात्र के दृष्टिगत मां का दरबार विशेष रूप से रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। 650 पुलिस व गृहरक्षकों को मेला क्षेत्र में सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोमवार को मेला पुलिस अधिकारी जितेन्द्र चौधरी ने ड्यूटी पर आए जवानों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। मेला क्षेत्रों के 4 सैक्टरों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, वहीं चारों सैक्टरों में एन.जी.ओ. तैनात रहेंगे। मेला क्षेत्र में ढोल-नगाड़ों व अस्त्र-शस्त्र ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 80 महिला पुलिस कर्मियों को भी ड्यूटी पर तैनात किया गया है। 


मां बज्रेश्वरी मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से डी.एस.पी. सुरेंद्र शर्मा ने मंदिर के आस-पास तथा कांगड़ा शहर में पुलिस व्यवस्था का जिम्मा लिया हुआ है। पीने के पानी की व्यवस्था आई.पी.एच. विभाग के एस.डी.ओ. सुमित विमल कटोच ने पूरी तरह सुचारू कर दी है। डी.एस.पी. सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से हरेक श्रद्धालु को मंदिर के मुख्य दरबार से प्रवेश से पूर्व मैटल डिटैक्टर से गुजर कर जाना होगा तथा प्रसाद के साथ नारियल को मंदिर के अंदर ले जाने पर रोक लगाई गई है। इसी प्रकार मंदिर के अंदर तथा शहर में 91 महिला व पुरुष कर्मियों को तैनात किया गया है। सफाई व्यवस्था को लेकर नप की कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि शहर व मंदिर के निकट सफाई को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सफाई कर्मियों को लगाया गया है तथा बाण गंगा और अक्षरा कुंड पर यात्रियों की सुविधा के लिए अस्थाई तौर पर शौचालय का बंदोबस्त किया गया है, ताकि गंदगी न फैले।