कालाअम्ब के बैटरी उद्योग में पकड़ा 5 करोड़ का फर्जीवाड़ा

Thursday, Aug 13, 2020 - 06:37 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल) : राज्यकर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने जिला सिरमौर के कालाअम्ब के एक बैटरी स्क्रैप उद्योग में 5 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा है। इससे प्रदेश को जीएसटी का ही 90 लाख रुपए का चूना लगा है। राज्यकर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु के संयुक्त आयुक्त यूएस राणा की अगुवाई में विभाग की टीम ने यह बड़ी कार्रवाई की है। जांच में सामने आया है कि उद्योग में कई सैंकड़ों टन माल का कागजों में हिसाब ही नहीं मिला है। इससे पूर्व विभाग की टीम ने बद्दी के एक पेपर उद्योग में 3.50 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा था। 

विभाग की टीम ने बैटरी उद्योग जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत छापा मारा। छापामारी में लैड इनपुट लगभग 200 टन, लैड स्क्रैप लगभग 140 टन तथा बैटरी स्क्रैप लगभग 65 टन माल का स्टॉक कागजों में ही नहीं मिला। स्टॉक में यह माल अधिक पाया गया। इससे स्पष्ट है कि उद्योग जीएसटी की चोरी के लिए स्टॉक को दस्तावेजों में दर्शाया ही नहीं जा रहा था। मजेदार बात यह है कि विभाग की टीम ने इस स्टाक को चैक करने के लिए बैंक की स्टॉक स्टेटमैंट से मैच किया। इसमें भी सैकड़ों टन माल को कोई हिसाब नहीं था। बताया जा रहा है कि बैंक स्टेटमेंट से ही इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। छापे के दौरान टीम ने सभी दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। 

इससे पहले राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने बद्दी के पेपर उद्योग का फर्जी बिलों पर कच्चे माल की खरीद का 3.50 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा था। उद्योग में कच्चा माल पहुंचा ही नहीं है जबकि बिलों में 180 ट्रकों में कच्चे माल की पहुंच को दर्शाया गया है। मजेदार बात यह है कि बिना कच्चा माल पहुंचे ही फर्जी बिलों की मदद से लाखों रुपए का इनपुट टैक्स क्रैडिट भी कर दिया। इससे प्रदेश के राजस्व को करीब 36 लाख रुपए की जीएसटी का चूना लगा। 

नियमों के मुताबिक कच्चे माल के पहुंचने पर ही इनपुट टैक्स क्रैडिट होता है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र मुख्यालय परवाणु के संयुक्त आयुक्त यूएस राणा की अगुवाई में यह कार्रवाई की गई थी। जांच में यह भी पता चला है कि कि हरियाणा  की चार व दिल्ली की 2 फर्जी फर्मों ने कच्चे माल की खरीद के फर्जी बिल तैयार किए थे। सबसे बड़ी बात यह है कि उद्योग ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और जीएसटी के 36 लाख रुपए को जमा करने की भी हामी भर दी है।  

इससे पूर्व परवाणू की टीम ने 40 फर्मा उद्योगों द्वारा फर्जी बिलों पर कच्चे माल की खरीद कर 25.2 करोड़ रुपए के जीएसटी चोरी के मामले को पकड़ा था। इस मामले में सिरमौर की एक कंपनी ने हिमाचल ही नहीं हरियाणा के कई उद्योगों के इस तरह से फर्जी बिल बनाए थे। बैटरी उद्योग के खिलाफ कार्रवाई करने वाली टीम में सहायक आयुक्त नंद शर्मा,सहायक आबकारी अधिकारी  भूपेन्द्र सिंह््र शशीकांत शर्मा, मनोज सचदेवा , कुलदीप कुमार व कांस्टेबल करनैल सिंह शामिल थे।
 

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prashant sharma