काजल के लिए मसीहा बनी पुलिस, 11 साल बाद माता-पिता से मिली नाबालिग (Video)

Friday, Aug 03, 2018 - 03:41 PM (IST)

शिमला (राजीव): आजकल जहां पुलिस लगातार विवादों से घिरी रहती है एेसे में एक में सुकुन देने वाली खबर सामने आई है। जिसे सुनने के बाद आपको खाकी पर फिर विश्वास होने लगेगा। जी हां, हरियाणा पुलिस की क्राइम ब्रांच के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल में तैनात राजेश कुमार एक बच्ची के लिए मसीहा बनकर आए। 11 साल पहले घर की चाबी गुम जाने के डर से भागी काजल अब दोबारा घर जा सकेगी। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के चांदपुर गांव से 11 साल पहले काजल लापता हो गई थी। वह उस समय सात साल की थी जो दशहरा देखने गई थी और चाबी गुम हो जाने के चलते वे मार के डर से वहां से भाग गई। इतना ही नहीं घर से लापता होने के बाद वह बिजनौर से एक ट्रेन में बैठ गई और मुम्बई पहुंच गई। वहां वह 5 साल रही। इसके बाद जैसे-तैसे शिमला पहुंची, जहां उसे 2012 में बालिका आश्रम दुर्गापुर में रखा गया। 


वर्ष 2017 में हिमाचल के ही बालिका आश्रम टूटीकंडी स्थानांतरित कर दिया गया। यही पर उन्हें हरियाणा पुलिस के राजेश मिले जिन्हें  काजल ने मां-बाप को ढूढने का चैलेन दे दिया फिर क्या था राजेश ने इनके परिजनों को ढूंढने का काम शुरू कर दिया। काजल ने जो पहचान राजेश को दी उसी आधार पर  उन्होंने तलाश शुरू की। उन्होंने बताया कि उसके घर के नजदीक रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक था। घर के आंगन में अमरूद का पेड़ था। घर के नजदीक ढोलक बनाने की दुकान थी। राजेश ने इंटरनेट पर काजल के बताए स्थान की तलाश की और आखिरकार यूपी के बिजनौर जिले के चांदपुर गांव से उनकी बताई पहचान से गांव मिल गया।


राजेश ने बिजनौर पुलिस से संपर्क साधा और 11 साल पहले गुम हुई काजल के बारे में जानकारी ली। इसके बाद व्हाट्सएप पर काजल का फोटो भेजा। काजल के पड़ोस में रहने वाले डा तोमर ने फोटो को पहचाना और उसके जन्म से ही चेहरे पर कुछ चिह्नों से उसका मिलान भी हो गया। उधर फिर से अपने परिजनों को पाकर वह काफी खुश है। वह अब 17 साल की हो गई है और 10वीं कक्षा में पढ़ रही है। उनका कहना है कि  हरियाणा पुलिस के राजेश कुमार कुछ दिन पहले थे तो उन्हें मम्मी पापा को ढूंढने का चेलेंज दिया था कि वे उन्हें ढूढ़ जाए तो मान जाऊंगी। हरियाणा पुलिस के राजेश कुमार अब तक 300 के करीब महिलाओं और बच्चों को उनके परिवार से मिला चुके हैं। बच्चे की गुम होने का जो भी मामला इनके पास आता है उन्हें राजेश तलाश करके ही दम लेते हैं। अभी पिछले हफ्ते ही हरियाणा के पानीपत से 11 साल पहले परिजनों से बिछड़ी मासूम बच्ची को मिलाने में भी राजेश ने पूरी ताकत झोंक दी और उन्हें बेटी से मिलवा दिया। 

Ekta