सरकारी निर्देशों की अवहेलना करने से प्रधान की कार्यप्रणाली कटघरे में
punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 06:49 PM (IST)
ज्वालामुखी, (नितेश): ज्वालमुखी क्षेत्र की एक पंचायत प्रधान पर सरकारी नियमों को ताक पर रख कर सरकार के ही वर्ष 2013 में जारी निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगा है। ज्ञात रहे कि ये खुलासा स्थानीय शराब कारोबारी प्रताप द्वारा मांगी गई आरटीआई से हुआ है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार को प्रधान द्वारा एक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया था। इस अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर जहां उपप्रधान ने स्पष्ट किया है कि शिकायतकत्र्ता का शिकायत पत्र सही है। वहीं प्रधान ने भी इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि उन्होंने इस वर्ष 2019-20 हेतु ठेका खोलने का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया है। ऐसे में उस पर उनके हस्ताक्षर और मोहर होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इसे लेकर ठेकेदार प्रताप ने प्रधान द्वारा दी गई एनओसी की जांच करवाने हेतु कार्यालय खंड विकास अधिकारी देहरा को प्रार्थना पत्र दिया था।
पत्र पर उपप्रधान की मोहर सही पाई गई है
इस मामले को लेकर जब बीडीओ देहरा के माध्यम से जांच की गई तो पंचायत निरीक्षक द्वारा पाया गया कि अनापत्ति प्रणाम पत्र में प्रधान द्वारा इस्तेमाल की गई मोहर सरकार द्वारा दी गई मोहर से अलग है। जबकि उस पत्र पर उपप्रधान की मोहर सही पाई गई है। पंचायत निरीक्षक की जांच में भी पाया गया कि प्रधान इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत हो रही है। सभी जांच प्रक्रियाओं में प्रधान के दोषी पाए जाने के प्रतीत होने के बाद भी संबंधित पंचायती राज विभाग द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसके चलते अब शिकायतकर्ता ने इस मामले में पंचायती राज विभाग के मंत्री वीरेंद्र कंवर से हस्तक्षेप करने और प्रधान तथा हर पंचायत में प्रधानों व उपप्रधानों द्वारा कथित रूप से फर्जी मोहर इस्तेमाल व सरकार के आदेशों की अवहेलना करने पर कड़ी कार्रवाई की अपील की है। इस एनओसी को लेकर ठेकेदार ने सीएम हैल्पलाइन 1100 में भी कॉल कर इसकी शिकायत की है।
एनओसी को लेकर दी गई जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे आगे संबंधित विभाग के जिला अधिकारी के पास भेज दिया है। जांच में पाया गया है की पंचायत के प्रधान ने सरकार द्वारा जारी पृष्ठन संख्या 8475-89 का उल्लंघन किया है।
राजीव सूद, बीडीओ देहरा
पंचायत की प्रधान की एनओसी की जांच रिपोर्ट उनके पास आई है। इसे लेकर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। हालांकि इस रिपोर्ट में हवाला दिया गया है कि उक्त एनओसी में प्रधान द्वारा किए गए हस्ताक्षर उसके ही प्रतीत हो रहे हैं। इस बारे पूरी जांच की जा रही है।
अश्वनी कुमार शर्मा, जिला पंचायत अधिकारी
जिस अधिकारी ने ये जांच की है ये उसके दायरे में ही नहीं आता है। एनओसी की फोटो कॉपी के आधार पर ये कैसे कहा जा सकता है कि सबंधित एनओसी पर मेरे हस्ताक्षर हुए हैं या मेरी मोहर का प्रयोग हुआ है। पंचायत में इस तरह का कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था।
पंचायत प्रधान
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