सिर्फ इस वजह से पानी के बिना खड़ी हो गईं IPH विभाग की मशीनें

Friday, May 12, 2017 - 04:11 PM (IST)

घुमारवीं : हिमाचल प्रदेश में 3 विधानसभा हलकों घुमारवीं, झंडूता और सदर के लाखों लोगों के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसने के हालात हो चले हैं। तीनों हलकों को पीने के पानी की सप्लाई देने वाली पेयजल योजनाओं में जल स्तर बड़े पैमाने पर गिर गया है। मुख्यत: सीर खड्ड पर बनी हुए इन पेयजल योजनाओं में जल स्तर इतना गिर गया है कि कहीं-कहीं तो एक बार में विभाग की मोटरें भी नहीं चल रही हैं।

जनप्रतिनिधि नहीं लोगों की समस्या के प्रति गंभीर 
लोगों को हफ्तों तक नलों के जरिये पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसा नहीं है कि पानी का यह संकट कोई अभी पैदा हुआ है, बल्कि गर्मियों की दस्तक के साथ ही लोगों की पानी के अभाव की शिकायतें शुरू हो गई थीं, जिन्होंने आज गंभीर संकट का रूप ले लिया। इस पर हैरानी इन हलकों के चुने हुए प्रतिनिधियों की लोगों की इस समस्या के प्रति उदासीन न होना है, जो लोगों को 2 वक्त का भी पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे पाए। उस पर महकमे के अधिकारियों का यह हाल है कि लोगों को अपने हालत पर छोड़ दिया गया है। राज्य सरकार ने जिले में सूखे की स्थिति पर आंकड़े तो मंगवा लिए, लेकिन ये आंकड़े कब जनता की प्यास बुझाने का इंतजाम कर पाएंगे, यह कोई नहीं जानता।

हर वर्ष बड़े पैमाने पर गिर रहा जल स्तर
सूत्रों ने बताया कि घुमारवीं व सदर क्षेत्रों की कुल 30 ऐसी स्कीमें हैं, जिनमें 25 प्रतिशत जल स्तर गिर चुका है। पहले से जल संकट झेलते रहने वाले घुमारवीं व सदर हलके के कुछ इलाकों की जनता में इस बात का भी रोष है कि महकमे के पास जनता के आग्रह की कोई कीमत नहीं है। अधिकारियों से बात करना चाहते हैं तो वे फोन नहीं उठाते और मुलाजिमों ने हाथ खड़े कर रखे हैं। सूत्र बताते हैं कि हर वर्ष इन स्कीमों का जल स्तर बड़े पैमाने पर गिर रहा है, लेकिन इस मामले में बचाव और जल संरक्षण के लिए न तो बीते 4 साल में किसी जनप्रतिनिधि ने सुझाव दिए और न विभाग के भीतर से अफसरों को इन हलकों की जनता की इस तकलीफों के निदान की कोई युक्ति तलाशने का वक्त मिला है।