मंडी में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरा संयुक्त कर्मचारी महासंघ, सीएम को भेजा ज्ञापन

punjabkesari.in Sunday, Feb 20, 2022 - 10:17 PM (IST)

मंडी (रजनीश): हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ रविवार को मंडी शहर के विश्वकर्मा मंदिर के सभागार में मंडी जिले के सभी विभागों के कर्मचारियों का महासम्मेलन आयोजित किया गया, जिसके बाद कर्मचारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे। सम्मेलन में कर्मचारियों की मांगों पर मंथन करने के बाद विश्वकर्मा मंदिर परिसर से मंडी शहर में आक्रोश रैली निकालकर एडीएम मंडी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया। महासम्मेलन में आए हुए सभी कर्मचारी नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे और छठे वेतन आयोग की त्रुटियों को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। कर्मचारी नेताओं ने एक स्वर में प्रस्ताव पारित किया कि हिमाचल सरकार पंजाब के वेतन आयोग को शत-प्रतिशत मूल रूप से हिमाचल में लागू करे जिससे कर्मचारियों का मूल वेतन 1-1-2016 को पंजाब के साथियों के समरूप हो सके। महासम्मेलन में हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी के 20 पदाधिकारियों ने भाग लिया जिसमें मुख्य रूप से महासंघ महासचिव हीरालाल वर्मा, वित्त सचिव खेमेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष अरविंद मेहता, शमशेर सिंह ठाकुर, सुनील चौहान, अरुण गुलेरिया, नरेश ठाकुर व तिलक नायक उपस्थित रहे।

सरकार को गुमराह कर रहे कुछ नेता : वीरेंद्र

संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारियों को दबाने और डराने की कोशिश की जा रही है और जो कर्मचारी नेता कर्मियों के हित में नहीं हैं वे इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। एनजोओ में प्रदेश के 20 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए होती है। उन्होंने कहा कि महासंघ को टुकड़े-टुकड़े गैंग कहने वाले स्वार्थी कर्मचारी नेता पहले अपना ज्ञान ठीक कर लें कि नए वेतनमान से किसे फायदा है और किसे नुक्सान। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि 15 प्रतिशत वाला विकल्प केवल 2000 के बाद लगे 5910 के पे बैंड वाले कर्मचारी ही अडॉप्ट कर पाएंगे और यही वह वर्ग है जिसे रिकवरी लग रही थी लेकिन इस नोटिफिकेशन के माध्यम से सरकार ने यह तो साफ कर दिया कि किसी तरह का एरियर कर्मचारियों को नहीं दिया जाएगा लेकिन इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बताया गया कि क्या इनकी रिकवरी भी माफ कर दी जाएगी। संघ ने सरकार से मांग की कि रिकवरी के बारे में सरकार स्पष्ट करे और साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि इस 15 प्रतिशत के विकल्प से कौन सा कर्मचारी पंजाब से कितना पीछे अभी भी चल रहा है। 

सांसद-विधायकों को लाया जाए एनपीएस के दायरे में : खरवाड़ा 

महासंघ के मुख्य संगठन सचिव कुलदीप खरवाड़ा ने कहा कि विधायक और संसद बनने के बाद नेताओं को पूरी उम्र पैंशन दे दिए जाती है जबकि एक कर्मचारी कई साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद आज पैंशन का हकदार नहीं बन पता है। उन्होंने कहा कि सांसद और एमएलए की पैंशन बन करके उन्हें एनपीए में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारी पुरानी पैंशन की बहाली तक अपनी लड़ाई को जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यालय से शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है जिसका ताजा उदाहरण महासंघ की एचआरटीसी के हाल में इस सम्मेलन को करने की अनुमति को रद्द करना है। इस तरह की कार्रवाई कर्मचारी डरने वाले नहीं और मांगों को लेकर जारी संघर्ष उग्र किया जाएगा। 

जगमेल ठाकुर को चुना मंडी जिले का अध्यक्ष

सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ की जिला मंडी की कार्यकारिणी का चयन किया गया, जिसमें जिला मंडी का नेतृत्व जगमेल ठाकुर को दिया गया, वहीं महासचिव की जिम्मेदारी मनोज शर्मा को व अन्य 11 सदस्यों को दी गई। जिला कार्यकारिणी का बाकी का विस्तार करने के लिए प्रधान और महासचिव को अधिकृत किया गया।

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Content Writer

Vijay

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