हत्या के मुआवजे में फर्क: दलित नेता हत्याकांड में नौकरी व मुआवजा, बाकियों से भेदभाव

Wednesday, Sep 12, 2018 - 10:04 AM (IST)

सोलन (नरेश पाल): कसौली गोलीकांड में शहीद हुए लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब सिंह के परिवार के सदस्य को नौकरी मिलना तो दूर अभी तक वेतन तक नहीं मिला है। सरकार ने मृतक गुलाब सिंह के परिवार को पूरा वेतन देने की घोषणा की थी जब तक मृतक की रिटायरमैंट की आयु पूरी नहीं होती लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी सरकार के टेबल से वेतन की फाइल आगे सरक नहीं रही है। क्योंकि गुलाब सिंह के परिवार को हक दिलाने के लिए राजनीतिक पार्टियां व संस्थाएं वैसे आगे नहीं आईं जैसे दलित नेता केदार जिंदान की हुई निर्मम हत्या के मामले में फ्रंट फुट पर आई। लोगों के रोष का ही नतीजा था कि सरकार ने केदार जिंदान के परिवार के सदस्य को नौकरी, बच्चों को मुफ्त तथा 20 लाख रुपए की घोषणा कर दी है। 

अब सवाल यह भी उठने लगे हैं कि क्या प्रदेश में सरकार रोष व प्रदर्शन के दबाव में काम कर रही है। क्या अब उन 64 परिवारों को भी सरकारी नौकरी, मुफ्त शिक्षा तथा मुआवजे के लिए धरने-प्रदर्शन का सहारा लेना होगा, जिनके परिवार के सदस्यों की ऐसे ही हत्याएं हुई हैं। बता दें कि प्रदेश में इस वर्ष 31 जुलाई 2018 तक 64 हत्याएं हुई हैं। यह परिवार आज भी न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन इन परिवारों की मदद के लिए सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिली है। समाज का बुद्धिजीवी वर्ग भी इस मामले में समानता की बात कर रहा है। नियमों के मुताबिक दुर्घटना में मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलती है लेकिन हत्या के मामले में ऐसा नहीं है क्योंकि यह प्राकृतिक आपदा के दायरे में नहीं आता। 

कसौली गोलीकांड में शहीद गुलाब सिंह के परिवार को नौकरी तो दूर, वेतन तक नहीं मिला
विदित रहे कि 1 मई को नारायणी गैस्ट हाऊस में हुए शूटआऊट में टाऊन प्लानर शैल बाला के साथ लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब सिंह की मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण गिराने गई टीम पर होटल मालिक ने गोलियां चला दी थीं। प्रदेश सरकार ने शैल बाला व गुलाब सिंह के परिवार को पूरा वेतन मिलेगा जब तक उनकी रिटायरमैंट की आयु पूरी नहीं होती। इसके अलावा पीड़ित परिवार को 5 -5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की थी जो इन परिवारों को मिल गया है। गुलाब सिंह के परिवार में कमाने वाला केवल एक ही व्यक्ति था। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं। इस परिवार को अभी तक वह वेतन मिलना शुरू नहीं हुआ है जिसकी सरकार ने घोषणा की थी। इसे देखते हुए परिवार ने पैंशन के लिए लोक निर्माण विभाग कसौली में दरख्वास्त की है ताकि परिवार का पालन-पोषण किया जा सके लेकिन विभाग पैंशन की फाइल आगे नहीं बढ़ा रहा क्योंकि सरकार ने वेतन देने की घोषणा की हुई है। इसी उलझन में चार महीने बीत गए हैं। 

Ekta