झोलाछाप डॉक्टर का कारनामा, बीमारी ठीक होने का दावा कर नरक बना रहे मरीजों की जिंदगी

Saturday, Oct 05, 2019 - 09:56 AM (IST)

मानपुरा (बस्सी): बी.बी.एन. में झोलाछाप डाक्टरों ने अपना जाल बिछा रखा है। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में 500 के करीब झोलाछाप डाक्टर जमे हुए हैं। इनकी योग्यता सिर्फ इतनी होती है कि इन्होंने किसी एम.बी.बी.एस. डाक्टर के पास 5-6 महीने काम किया होता है। इंजैक्शन व ड्रिप लगाना इनकी विशेषज्ञता होती है। प्रवासी कामगारों को अपने झांसे में फंसाकर ये उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। बी.बी.एन. में कैमिस्ट जोकि डिप्लोमा लेकर काम कर रहे हैं, उनके ऊपर विभाग की हर समय पैनी नजर होती है परन्तु ये झोलाछाप डाक्टर सरेआम लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

ये झोलाछाप डाक्टर पढ़े-लिखे कैमिस्टों पर भारी पड़ रहे हैं। पिछले कुछ समय में ड्रग नियंत्रण अथॉरिटी की छापेमारी के बाद बी.बी.एन. में बाहरी राज्यों से आए ज्यादातर झोलाछाप डाक्टर गायब हो गए थे परन्तु जैसे ही विभाग की पकड़ ढीली हुई तो इन झोलाछाप डाक्टरों ने फिर से यहां डेरा डालना शुरू कर दिया है। इन्होंने अपने दवाखानों को बंगाली क्लीनिक व बिहारी डाक्टर जैसे नाम दिए हैं। इन्होंने बड़ी-बड़ी बीमारियों के इलाज के बोर्ड लगाए हुए हैं। कु छ प्रभावशाली लोगों की फोटो भी इन्होंने अपने पास रखी हुई हैं, जिनकी बीमारी ठीक होने का दावा करके यह भोले-भाले श्रमिकों को फंसाते हैं।

इनकी दवाइयों में पूरी तरह से स्टिरायड भरे होते हैं, जिससे मरीज को एक बार तो आराम मिल जाता है परन्तु उसके बाद वे हमेशा के लिए बिस्तर पकड़ लेता है। जैसे ही किसी अधिकारी की छापेमारी की सूचना इन्हें मिलती है तो ये अपनी दुकान बंद करके भाग जाते हैं। झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ अभी तक सख्त कारवाई अमल में नहीं लाई गई है। कैमिस्ट एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष टेक चंद कौशल, बद्दी कैमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान मनोज बंटू, जसविन्द्र भारद्वाज, पंकज भंडारी व सतीश कौशल का कहना है कि अगर विभाग को इन झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई करनी है तो इसके परिणाम निकलने चाहिए, न कि यह छापेमारी तक ही सीमित रहनी चाहिए।

kirti