भगवान रघुनाथ, सालीग्राम, नरसिंह और हनुमान ने मंत्रोच्चारण के साथ किया जल विहार में स्नान

Thursday, Jun 13, 2019 - 11:31 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): घाटी के आराध्य देव भगवान रघुनाथ जी के मंदिर में जल विहार उत्सव मनाया गया। इस मौके पर भगवान रघुनाथ जी की पूजा-अर्चना की गई व उसके बाद मंदिर में दर्शनों के लिए आए सैंकड़ों भक्तों द्वारा भगवान रघुनाथ जी का भजन-कीर्तन कर गुणगान किया गया। उसके बाद भगवान रघुनाथ जी को परिवार सहित पालकी में विराजमान करके आयोजन स्थल तक ले जाया गया।

इस मौके पर रघुनाथ जी के प्रथम सेवक महेश्वर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। आयोजन स्थल पर मंदिर के पुजारी भाटु द्वारा भगवान रघुनाथ, हनुमान, सालीग्राम और नरसिंह सहित सभी मूर्तियों का स्नान के बाद शृंगार किया गया। उत्सव के समापन के बाद बच्चों द्वारा आयोजन स्थल पर पानी में खूब अठखेलियां की गर्ईं।

ऐसे मनाया जाता है जल विहार उत्सव

भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि रघुनाथ मंदिर में दशहरा, बसंत ,अन्न कूट व वन विहार की तरह जल विहार उत्सव भी मंदिर में मनाए जाने वाले मुख्य उत्सवों में से एक है। भगवान रघुनाथ जी को जल विहार उत्सव के बाद उनके गर्भगृह में विराजमान किया जाता है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान रघुनाथ अपने मंदिर से बाहर निकलते हैं और भगवान रघुनाथ जल विहार में तालाब में स्नान करते हैं, उस जल को लोग चरणामृत के तौर पर प्रयोग करते हैं। सभी छोटे-बड़े इस तालाब में स्नान करते हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाएं आज के दिन विशेष उपवास करती हैं, जिसमें वे पानी तक ग्रहण नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि कल से दशहरा उत्सव के लिए 4 माह रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के अगले दिन से रघुनाथ भगवान हर शाम को 4 माह तक मंदिर के सामने झूला झूलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं।

Vijay