शैल बाला के घर पहुंचे जयराम, परिजनों ने CM और मंत्रियों को सुनाई खरी-खोटी (Video)

Tuesday, May 08, 2018 - 11:25 AM (IST)

सरकाघाट: टी.सी.पी. अधिकारी शैल बाला शर्मा के घर शोक जताने पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों को परिजनों के खासे आक्रोश का सामना करना पड़ा। यहां तक कि मुख्यमंत्री के सामने ही मृतका के पति और पुत्र ने सरकार की इस नाकामी पर खूब खरी-खोटी सुनाई। बता दें कि सरकाघाट की नरोला पंचायत के बारी गांव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को 7वें दिन मृतक अधिकारी के घर परिजनों को ढांढस देने पहुंचे। उनके साथ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, किशन कपूर, विपिन परमार, विक्रम सिंह, सरवीण चौधरी व विधायक कर्नल इंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।  


मुख्यमंत्री ने नरोला के बाड़ी गांव का दौरा किया और सोलन जिला के कसौली हादसे में मृतक सहायक नगर योजनाकार शैल बाला के पिता तथा अन्य परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि शैल बाला ने होटल मालिकों द्वारा अवैध निर्माण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार अपने दायित्व का पालन करते हुए अपने प्राण गंवाए हैं। दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार शोक संतप्त परिवार के साथ है और उन्होंने सरकार की ओर से हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि इस केस में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार अपना काम कर रही है। कोर्ट अपना काम कर रहा है और हम उसका पालन कर रहे हैं। दोबारा ऐसी घटना न हो, इस बारे भी सरकार कार्य कर रही है।


मेरी बेटी ड्यूटी करते शहीद हुई: जगदीश
मृतका के पिता जगदीश दत्त शर्मा ने कहा कि उनकी बेटी बहादुर थी और उसे अतिक्रमण हटाए जाने से रोके जाने को लेकर कई प्रलोभन भी दिए गए, लेकिन वह ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करते हुए शहीद हुई। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की मौत की जिम्मेदार अफसरशाही रही है। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, सरकार इस बारे में सोचे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि जिस स्कूल में उसकी मेधावी बेटी पढ़ी है, उस स्कूल का नामकरण शैल बाला के नाम से किया जाए। 


यह प्लांड मर्डर था: डा. वेद प्रकाश
मृतका अधिकारी के पति डा. वेद प्रकाश ने कहा कि यह प्लांड मर्डर था। फायर होने पर पुलिस दुम दबाकर भाग गई। बड़ी हैरानी है कि कातिल 24 घंटे एक जगह छुपा रहा, लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी। उनकी पत्नी को ईमानदारी का ईनाम मिला है। उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था और वह मैडीकल लीव पर भी जा सकती थी, लेकिन उसमें ईमानदारी का जज्बा भरा था। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि इस केस में कोई भी आरोपी छूटना नहीं चाहिए और सभी लापरवाह अधिकारियों को सस्पैंड किया जाए। 

Ekta