जयराम कैबिनेट के लिए लॉबिंग तेज, इन नामों पर हो रही चर्चा

Monday, Dec 25, 2017 - 11:53 AM (IST)

शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद अब जयराम सरकार की कैबिनेट के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। क्यास लगाए जा रहे हैं कि जयराम की कैबिनेट में मंडी से महेंद्र सिंह ठाकुर व अनिल शर्मा, कांगड़ा से किशन कपूर, रमेश धवाला व सरवीण चौधरी, शिमला से सुरेश भारद्वाज तथा सिरमौर से बिंदल शामिल हो सकते हैं। जयराम को विधायक मंडल का नेता चुने जाने के लिए 4 विधायक प्रस्तावक भी बने थे, ऐसे में उनका मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इसके अलावा जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति से डा. राम लाल मारकंडेय को भी स्थान मिल सकता है। 


सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में संगठन में सभी गुटों विशेषकर धूमल, शांता व नड्डा ग्रुप के विधायकों को शामिल किया जाएगा, ऐसे में अब सबकी नजर जयराम की नई कैबिनेट पर है। माना जा रहा है कि सोमवार को इस बारे पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। प्रदेश मंत्रिमंडल में 11 मंत्री होने हैं। भाजपा के जीते हुए विधायकों के चुनावी इतिहास को देखें तो बिंदल 5वीं बार जीत चुके हैं। धर्मपुर से भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर 7वीं बार जीत कर आए हैं। किशन कपूर भी चौथी मर्तबा चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचे हैं। उनके अलावा पूर्व की भाजपा सरकारों में मंत्री रहे रमेश धवाला व सरवीण चौधरी भी चुनाव जीत कर विधान सभा पहुंची हैं। साथ ही राम लाल मारकंडेय व नरेंद्र बरागटा भी पूर्व में धूमल सरकार में मंत्री रहे हैं। 


पूर्व मंत्री अनिल शर्मा भी अब भाजपा में हैं। शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज चौथी मर्तबा विधायक बने हैं, वह 1973 से ए.बी.वी.पी. व युवा मोर्चा के अलावा भाजपा में हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के अलावा वह राज्य सभा सांसद भी रहे हैं। विपिन परमार भी भाजपा में वरिष्ठ हैं। वीरेंद्र कंवर व विक्रम ठाकुर भी वरिष्ठ नेता हैं, कंवर तो चौथी चुनाव लगातार जीत चुके हैं। डा. राजीव सैजल भी तीसरा चुनाव जीत चुके हैं। सियासी पंडितों की मानें तो मंत्रिमंडल के गठन में संसदीय हलकों को एक समान प्रतिनिधित्व के साथ-साथ महिला व ओ.बी.सी. के अलावा जनजातीय क्षेत्रों व वरिष्ठता को ध्यान में रख ही फैसला लिया जाएगा। साथ ही जातीय व अन्य समीकरणों को भी भाजपा हाईकमान ध्यान में रखेगी। माना जा रहा है कि अधिकांश वरिष्ठ नेताओं को जयराम के मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। सभी 11 मंत्री एक साथ शपथ लेंगे अथवा इसे 2 चरणों में बनाया जाएगा यह समय के अंतराल में छिपा है।


कौन होंगे स्पीकर-डिप्टी स्पीकर?
विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए भी कई नामों की चर्चा है। पार्टी के वरिष्ठ विधायकों में से एक को स्पीकर बनाया जा सकता है जबकि दो से 3 बार जीत कर विधानसभा पहुंचे चेहरे को डिप्टी स्पीकर बनाया जा सकता है।