कोरोना के बीच बेहतर रिजल्ट देना अध्यापकों के लिए चुनौतीपूर्ण

Saturday, Jan 23, 2021 - 11:53 AM (IST)

धर्मशाला (नवीन) : कोरोना के बीच बेहतर रिजल्ट देना अध्यापकों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। कोरोना महामारी के दौरान काफी कम समय स्कूल खुले हैं। विद्यार्थी केवल ऑनलाइन पढ़ाई पर निर्भर रहे हैं। हालांकि अब फरवरी महीने से कुछ कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। इस दौरान सिलेबस को पूरा करने और रिवीजन विद्यार्थियों को करवाई जाएगी। बोर्ड परीक्षाएं मई महीने से शुरु होंगी तथा नॉन बोर्ड परीक्षाएं मार्च-अप्रैल महीने से शुरु करवाई जाएंगी। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ कुछेक महीने की ऑफलाइन पढ़ाई के सहारे वार्षिक परीक्षाएं संपन्न होंगी। ऐसे में कोरोना के बीच अध्यापकों को पहले की भांति बेहतर रिजल्ट देने के लिए काफी प्रयास करने होंगे।

ऑनलाइन पढ़ाई में सिलेबस संपन्न

हालांकि अध्यापकों की मानें तो ऑनलाइन पढ़ाई में काफी चीजें विद्यार्थियों को करवा दी गई हैं। लगभग सिलेबस पूरा करवा लिया गया है। अब फरवरी महीने से कुछ कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल रहे हैं तो उसमें भी काफी प्रयास अध्यापकों की ओर से करवाएं जाएंगे ताकि पहले की तरह बेहतर रिजल्ट दिया जा सके। जो विषय महत्वपूर्ण होंगे उनकी रिवीजन करवाई जाएगी। इसके अलावा ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों के मन में जो डाऊट रह गए होंगे, उनकों क्लीयर करवाया जाएगा।

30 प्रतिशत कटौती की है सिलेबस में

कोविड-19 वैश्विक महामारी से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 की वार्षिक परीक्षा 2021 के लिए पाठ्यक्रम में 30 फीसदी कटौती की गई है ताकि विद्यार्थियों पर बोझ कम पड़े। जिन विषयों में 30 फीसदी पाठ्यक्रम किया गया है उनका कक्षावार/विषयवार विवरण स्कूल शिक्षा बोर्ड वैबसाइट पर उपलब्ध है। 

सीनियर सकेंडरी स्कूल रक्कड के प्रिंसिपल अश्वनी भट्ट ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाओं में सिलेबस लगभग पूरा कर लिया गया है। फरवरी से कुछ कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। विद्यार्थियों को डाऊट होंगे, वह क्लीयर करवाए जाएंगे। जो विषय महत्वपूर्ण होंगे, उनकी रिवीजन होगी। बेहतर रिजल्ट देने के प्रयास किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेशकुमार सोनी ने कहा कि वार्षिक परीक्षाओं के लिए 30 फीसदी सिलेबस में कटौती की गई है ताकि विद्यार्थियों पर पढ़ाई का बोझ कम पड़े। कोरोना के बीच भी विद्यार्थियों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी रही है और अध्यापकों पर विश्वास है कि बेहतर रिजल्ट दिया जाएगा। 
 

prashant sharma