ISIS की धमाकों की चेतावनी का मामला: मोबाइल डम्प डाटा के आधार पर होगी पूछताछ

Thursday, Feb 02, 2017 - 12:03 AM (IST)

सोलन: छावनी क्षेत्र सुबाथू में आई.एस.आई.एस. की धमाकों की चेतावनी को लेकर पुलिस जल्द ही कुछ लोगों से पूछताछ कर सकती है। घटना की रात को इस क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल डम्प डाटा के आधार पर पुलिस सूची तैयार करके मामले की तह तक पहुंचने की कोशिशों में जुटी है। इसके अलावा इस घटना के बाद क्षेत्र में स्लीपर सैल के सक्रिय होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि सुबाथू क्षेत्र में एक के बाद एक संदिग्ध घटनाएं घटी हंै। बुधवार को डी.एस.पी. परवाणु भीष्म ठाकुर ने मौके पर जाकर मामले को लेकर जांच की।

धर्मपुर में सामने आया था पहला मामला
जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में आई.एस.आई.एस. की दस्तक को लेकर सबसे पहले मामला धर्मपुर में सामने आया था। यहां के मनसा मंदिर परिसर के नजदीक की दीवारों पर आई.एस.आई.एस. कमिंग सून लिखा हुआ था। इस मामले को लेकर पुलिस ने दावा किया था कि गुप्त रूप से जांच चल रही है। अभी पुलिस इस मामले में कोई भी गिरफ्तारी नहीं कर पाई थी कि इस दौरान सुबाथू में भी कई स्थानों पर आई.एस.आई.एस. की चेतावनी ने क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ा दी है। पुलिस दोनों घटनाओं में समानता को लेकर भी जांच कर रही है।

एक ही गिरोह का कार्य
धर्मपुर में पेंट से चेतावनी लिखी गई थी और सुबाथू में पोस्टर चिपकाए गए हैं। यह कार्य एक ही गिरोह का है या फिर दोनों घटनाओं को अलग-अलग लोगों ने अंजाम दिया है, इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा सुबाथू क्षेत्र में पहले सामने आ चुके पानी में जहर घोलने व अब आई. एस.आई.एस. की चेतावनी के दूसरे मामले से यहां पर स्लीपर सैल सक्रिय होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। किसी संगठन से जुड़े लोग यहां पर सक्रिय हो सकते हैं जोकि ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर क्षेत्र की शांति भंग करने में जुटे हैं।

ब्रिगेडियर आर.एस. रावत ने की आपात बैठक 
घटना के बाद 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र के कमांडैंट और छावनी अध्यक्ष ब्रिगेडियर आर.एस. रावत ने बुधवार को छावनी की सी.ई.ओ. व निर्वाचित सदस्यों के साथ आपात बैठक की। इसमें सुबाथू बाजार में तुरंत सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा सैन्य क्षेत्र में भी कैमरे लगाने पर सहमति बनाई गई। संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखने और मजदूर वर्ग के लोगों के पहचान पत्र बनाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में ब्रिगेडियर रावत ने बताया कि पूरे सैन्य क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सेना क्षेत्र में गश्त कर रही है।

जांच एजैंसियों पर सवाल
बार-बार सामने आ रही ऐसी घटनाओं के बाद क्षेत्र में सक्रिय खुफिया तंत्र व गुप्तचर एजैंसियों के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे है, वहीं चर्चा यह भी है कि ऐसी एजैंसियों के कर्मचारियों की ड्यूटी ज्यादा राजनीतिक कार्यक्रमों के बारे में पता लगाने में ही लगी रहती है, ऐसे में आपराधिक मामलों की जानकारी जुटाने का समय उन्हें मिलता ही नहीं है।