IPH में कार्यरत हजारों कनिष्ठ तकनीशियनों को दी बड़ी राहत

Saturday, Dec 10, 2016 - 03:10 PM (IST)

बिलासपुर: आई.पी.एच. विभाग में कार्यरत हजारों कनिष्ठ तकनीशियनों यानी पंप आप्रेटरों, फिटर, इलैक्ट्रीशियन, मैकेनिक शिकायत क्लर्क, स्टोर क्लर्क, वाटर वक्र्स क्लर्क, राज मिस्त्रियों, ब्लैक स्मिथ, कारपेंटर, आई.पी.एच. पटवारी, वैल्डर, पलम्बर व कार्य निरीक्षकों से प्रवीणता वेतन वृद्धि की हजारों रुपए की गई रिकवरी अब नहीं होगी क्योंकि आई.पी.एच. विभाग के प्रमुख अभियंता ने प्रदेश वित्त विभाग की 9 जनवरी, 2007 को जारी अधिसूचना के अनुसार अब कनिष्ठ तकनीशियनों को 7 वर्ष की सेवा के बाद तकनीशियन ग्रेड-2 बनाकर 2800 रुपए का ग्रेड-पे व उसके बाद 5 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण करने पर तकनीशियन ग्रेड-1 बनाकर 10300-34800 का वेतनमान में 3200 रुपए का ग्रेड-पे देना मान लिया है। 


गौरतलब है कि वर्तमान में 4-9-14 वर्ष पूर्ण करने के बाद मिलने वाली प्रवीणता वेतन वृद्धि की 29 मई, 2014 की प्रदेश वित्त विभाग की अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक कर्मचारी से कम से कम 52,000 और ज्यादा से ज्यादा 1.20 लाख रुपए की रिकवरी हो रही थी।  इस अधिसूचना को लागू करने पर सहमति शिमला में आई.पी.एच. विभाग के प्रमुख अभियंता इंजीनियर अनिल कुमार बाहरी के साथ हुई  आल हिमाचल पी.डब्ल्यू.डी., आई.पी.एच. एंड अनुबंध कर्मचारी यूनियन की राज्य स्तरीय बैठक में बनी। बैठक में यूनियन ने प्रमुख अभियंता को अपना 21 सूत्रीय मांग पत्र दिया। 


राज्य प्रधान सीता राम सैणी व राज्य महासचिव प्रेम लाल भाटिया ने बताया कि इन मांगों में से 90 प्रतिशत मांगों को मान कर उनका निपटारा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जनवरी, 2007 की राजकीय अधिसूचना के अनुसार सभी कनिष्ठ तकनीशियन व तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 7 वर्ष के बाद तकनीशियन ग्रेड-2 व 5 वर्ष के बाद तकनीशियन ग्रेड-1 बनाकर अगला ग्रेड-पे और वेतनमान लागू करना मान लिया गया है।


वाटर गार्डों को  हर माह मिलेगा मानदेय
बैठक में यह भी निर्णय हुआ व सहमति बनी कि पंचायतों के माध्यम से आई.पी.एच. विभाग में अंशकालीन आधार पर कार्यरत वाटर गार्डों को दैनिकभोगी बनाने के लिए संपूर्ण डाटा या रिकार्ड आई.पी.एच. विभाग के प्रधान सचिव के पास शीघ्र भेजा जाएगा व सभी वाटर गार्डों को मिलने वाला मानदेय अब प्रत्येक माह मिलेगा। यह भी सहमति बनी की आई.पी.एच. विभाग के प्रत्येक अनुभाग में फोरमैनों के 50 पद सृजित करने का मामला पुन: सरकार को भेजा जाएगा।