पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट कांड को लेकर सरकार पर बरसी इंटक, उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर से मांगा इस्तीफा

punjabkesari.in Thursday, Feb 24, 2022 - 03:40 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : हिमाचल प्रदेश इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हरदीप बावा हरोली उपमंडल के बाथू स्थित अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट कांड की घटना को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ प्रदेश के भीतर लाए और ले जाते रहे लेकिन सरकार को कानों कान खबर तक न हुई। इंटक प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री के साथ-साथ एचपीएसआईडीसी के उपाध्यक्ष को भी अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मजदूर कामगार विरोधी सरकार है। जिसमें सत्ता संभालने के बाद से लेकर अभी तक मजदूर वर्ग के साथ एक भी बैठक करना जरूरी नहीं समझा। 

हिमाचल प्रदेश इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हरदीप बावा ने वीरवार को अवैध पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट कांड के मामले को लेकर जिला मुख्यालय के निजी होटल में प्रेस वार्ता की। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश सरकार को जमकर निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रदेश में सरकार किस कदर उद्योगों के मजदूरों और कामगारों की विरोधी है इसका प्रमाण अवैध पटाखा फैक्ट्री प्राप्त कांड के माध्यम से मिलता है। उन्होंने कहा कि हैरत की बात है हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से बड़ी मात्रा में विस्फोटक पाए जाते रहे और उन्हें तैयार माल करके प्रदेश के बाहर भेजा जाता रहा लेकिन किसी को भी इसकी कानां कान खबर न हुई। उन्होंने कहा कि सरकार की तमाम गुप्तचर एजेंसियों की यह बहुत बड़ी नाकामी है।

उन्होंने कहा कि 4 साल बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार यह सरकार के उद्योग मंत्री ने कामगारों के साथ उनकी मांगों या समस्याओं को लेकर एक बार भी बैठक करना जरूरी नहीं समझा। इंटक प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पटाखा फैक्ट्री में हुआ कांड प्रदेश की साख पर एक बड़ा दाग है। जिस की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश के उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और एचपीएसआईडीसी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर रामकुमार को तुरंत अपने पदों से इस्तीफे देने चाहिए। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष जी ब्लास्ट कांड में मारी गई महिला कामगारों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और घटना में घायल हुए मजदूरों को 4-4 लाख रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की मांग की।
 


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prashant sharma

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