भव्य रथ यात्रा के साथ अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज

punjabkesari.in Sunday, Oct 25, 2020 - 07:31 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो): अधिष्ठाता रघुनाथ जी की भव्य रथ यात्रा के साथ रविवार को अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का श्रीगणेश हुआ। कोरोना काल में आस्था के समक्ष धारा-144 और प्रशासन के नियम भी फेल हो गए। इस बार देव कारज को सूक्ष्म तरीके से निपटाया गया। यदि बंदिशें न होतीं तो और अधिक भीड़ जुट जाती। सीमित देवी-देवताओं ने ही उत्सव में भाग लिया। भेखली और पूईद में जैसे ही देवी भुवनेश्वरी जगन्नाथी ने ध्वजारोहण के साथ रथ यात्रा को शुरू करने का इशारा किया तो ढालपुर मैदान में रघुनाथ जी का रथ आगे बढऩे लगा।
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श्रीराम के जयकारों से गूंजा कुल्लू

श्रीराम के जयकारों के साथ लोग रथ को रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर तक लाए। समूचे इलाके में इस दौरान धारा-144 लागू रही लेकिन आस्था सैंकड़ों लोगों को ढालपुर खींच लाई। रथ यात्रा में महज 200 लोगों को भाग लेने के लिए चिन्हित किया गया था लेकिन इस यात्रा में सैंकड़ों लोग जुट गए। यात्रा में ही चलने वाले लोगों की संख्या 2,000 के करीब रही। ढालपुर मैदान में हालांकि ज्यादा लोगों को एंट्री नहीं मिली लेकिन मैदान के बाहर सड़कों पर सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने रथ यात्रा को निहारा और आशीर्वाद लिया। यदि बंदिशें न होतीं हजारों लोग उत्सव में जुट जाते।
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उत्सव में ये देवता रहे मौजूद

उत्सव के श्रीगणेश मौके पर देवी हिडिम्बा, बाला त्रिपुरा सुंदरी नग्गर, बिजली महादेव, जमदग्नि ऋषि, लक्ष्मी नारायण रैला, देवता वीरनाथ, देव आदि ब्रह्मा, गौहरी व देवता नाग धूमल ने शिरकत की। रघुनाथ जी सुल्तानपुर स्थित देवालय से पालकी में सवार होकर ढालपुर रथ मैदान पहुंचे। विशेष पूजा-अर्चना के उपरांत रघुनाथ जी रथ में सवार हुए और देवी भुवनेश्वरी जगन्नाथी का इशारा पाते ही रथ यात्रा शुरू हुई। सूर्यास्त के उपरांत ही रथ यात्रा होती है क्योंकि देवी भुवनेश्वरी जगन्नाथी इसी समय देवालय से निकलती हैं। रथ यात्रा में प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। रथ यात्रा से पूर्व रघुनाथ जी के छड़ीबदार महेश्वर सिंह, कारदार दानवेंद्र सिंह व उनके बेटे हितेश्वर सिंह सहित राज परिवार के अन्य सदस्यों ने रथ की परिक्रमा भी की। इसके उपरांत रथ यात्रा हुई और रघुनाथ अपने अस्थायी शिविर में विराजमान हो गए। रथ यात्रा के दौरान कड़े सुरक्षा प्रबंध रहे।
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कोरोना के कारण सूना उत्सव

कोरोना के कारण इस बार कुल्लू दशहरा उत्सव में न तो व्यापारिक गतिविधियां हो रही हैं और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं। दशहरा उत्सव के मौके पर इस बार समूचा ढालपुर मैदान सूना है। रघुनाथ जी का अस्थायी शिविर सजा हुआ है और उत्सव में आए सीमित देवी-देवताओं के ही शिविर सजाए गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब दशहरा उत्सव में भीड़ के एकत्रीकरण पर इस प्रकार पाबंदियां रही हैं।

7 दिन ढालपुर में रहेंगे अधिष्ठाता रघुनाथ

31 अक्तूबर तक अब अधिष्ठाता रघुनाथ ढालपुर में ही अस्थायी शिविर में रहेंगे। 31 अक्तूबर को लंका दहन के उपरांत रघुनाथ अपने देवालय को लौटेंगे और उत्सव में आए देवी-देवता भी रघुनाथ जी से विदा लेकर अपने हारियान क्षेत्रों में स्थित देवालयों में जाएंगे।


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Vijay

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