देवी-देवताओं ने रघुनाथ जी के पास पुष्प के रूप में भरी हाजिरी

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 10:29 PM (IST)

कुल्लू (संजीव जैन): देवमहाकुंभ अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण रहने वाले अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है। हालांकि इस बार सिर्फ 7 देवी-देवता ही दशहरा की रस्म निभाने के लिए बुलाए गए हैं, लेकिन अभी तक 50 से अधिक देवी-देवताओं ने रघुनाथ के दरबार में पुष्प के रूप में हाजिरी भरी है। देवरथ न आने के कारण देवताओं के फूल यहां लाए जा रहे हैं और रघुनाथ जी से पुष्प के रूप में मिलन हो रहा है लेकिन कुछ देवी-देवता रथ में सवार होकर यहां पहुंच रहे हैं और रघुनाथ जी से मिलन करके वापस घर लौट रहे हैं। इसी के साथ जो देवता यहां आ रहे हैं तो वे खूब खरी-खोटी सुनाकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं कि आखिर उन्हें अपनी भूमि पर भी आने से रोका जा रहा है। वीरवार को देवता फलाणी नारायण यहां पहुंचे और रघुनाथ जी, बिजली महादेव व हिडिम्बा माता के दर्शन करके वापस लौटे।

उधर, प्रात: के समय ही भगवान रघुनाथ जी की षोडषोपचार के बाद भव्य शृंगार किया जा रहा है तथा राम, सीता, हनुमान व नरसिंह भगवान की विधिवत तरीके से पूजा की जा रही है। यह ऐतिहासिक व पुराण संगत पूजा भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह तथा रघुनाथ जी के मंदिर के पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के माध्यम से की जा रही है। उस समय काफी संख्या में ऐतिहासिक मैदान के अस्थायी शिविर में श्रद्धालुओं को भगवान रघुनाथ के भव्य दर्शन हो रहे हैं।

श्रद्धालुओं द्वारा भगवान के भजनों व जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है। अस्थायी शिविर में रघुनाथ जी के समक्ष यह सिलसिला शाम तक चल रहा है। पूरा दिन भगवान की 7 आरतियां उतारी गईं, जोकि दशहरे के 7 दिन तक रोजाना उतारी जाती हैं। दिन में नरसिंह भगवान द्वारा राजा के अस्थायी शिविर में भोजन किया जाता है तथा रात को भगवान के शिविर में चंद्राउली नृत्य कुछ विशेष लोगों द्वारा किया जाता है। ये सभी कार्यक्रम या रस्में दशहरे के अंतिम दिन तक इसी प्रकार चलती रहेंगी।

दशहरे में पहुंचे देवी-देवता भगवान रघुनाथ के शिविर में पहुंच कर शीश नवा रहे हैं वहीं भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह तथा पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के साथ की जा रही पूजा में ढालपुर के ऐतिहासिक मैदान में श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। पूरा ढालपुर मैदान देव वाद्ययंत्रों की थाप से गूंज रहा है। बहरहाल, भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है। वहीं शाम के समय महिलाएं भजन-कीर्तन कर रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर में भक्ति का रसपान कर रही हैं।


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Vijay

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