दशहरा उत्सव के चौथे दिन धूमधाम से निकली भगवान नरसिंह की जलेब, वाद्ययंत्रों की धुनों पर हुआ देवनृत्य

Friday, Oct 11, 2019 - 07:42 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के चौथे दिन भी भगवान नरसिंह की जलेब परंपरा अनुसार निकली गई। सराज घाटी के देवी देवताओं ने शरीक होकर राजा की पालकी के साथ परिक्रमा की। इस अवसर पर कुल्लू के राजा महेश्वर सिंह पालकी में सवार हुए। सबसे आगे घोड़ी और उसके पीछे तमाम देवी-देवताओं के साथ राजा की पालकी व दोनों ओर देवी देवताओं ने भाग लिया। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर देवताओं के साथ हजारों हारियान कुल्लवी नृत्य करते हुए झूमे। दशहरा उत्सव में हर रोज नरसिंह की इस भव्य जलेब को निकाला जाता है। दशहरा उत्सव के चौथे दिन निकली जलेब में सैंज और बंजार घाटी के जम्दग्नि ऋषि, लक्ष्मी नारायण, माता कमला, बालू नाग, शेष नाग, करथा नाग आदि देवताओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर जलेब में भाग लिया।

7 दिवसीय उत्सव में 6 दिन तक निकाली जाती है जलेब

गौर रहे कि 7 दिवसीय इस उत्सव में 6 दिन तक इस जलेब को निकाला जाता है, जिसमें जिला की विभिन्न घाटी के देवता बारी-बारी से भाग लेते हैं। राजा की चानणी से आरंभ होने वाली यह जलेब क्षेत्रीय अस्पताल से होकर करीब एक किलोमीटर की परिधि से होकर दशहरा में आए समस्त देवी-देवताओं के अस्थायी शिविरों से होकर गुजरती है तथा तमाम देवी-देवता इस मौके पर नरसिंह के साथ भव्य मिलन करते हैं।

क्या बोले भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि नरसिंह भगवान की जलेब में बंजार के पलदी व गड़सा घाटी के देव- देवताओं ने भाग लिया और देवी-देवताओं के हारियानों बड़े उत्साह के साथ जलेब में भाग ले रहे हंै। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में नरसिंह भगवान के प्रति गहरी श्रद्धा है। उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव के छठे दिन मौहल्ला का कार्यक्रम में देवी-देवता बिना निमंत्रण स्वेच्छा से भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान नरसिंह की जलेब में रोजाना शाम के समय निकलती है और कल 5वें दिन आनी के देवी-देवता जलेब में भाग लेंगे।

Vijay