एक साल से कुंभकर्णी नींद में संस्थान, हजारों छात्रों के भविष्य पर लटकी तलवार

Thursday, Nov 24, 2016 - 12:45 AM (IST)

धर्मशाला: एक साल बीत जाने के बाद भी निजी शिक्षण संस्थान द्वारा परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया गया है, जिस कारण हजारों छात्रों को परेशानी आ रही है। इस संदर्भ में एक शिकायत शिक्षा नियामक आयोग के सदस्य सुनील शर्मा से की है।

 कालापुल निवासी संजीव कुमार ने बताया कि वह चंडीगढ़ के एक निजी शिक्षण संस्थान में पत्रकारिता की डिग्री के लिए पढ़ाई कर रहा था। संस्थान में छात्रवृति प्रोग्राम के तहत पढ़ाई करवाई जा रही थी, जिसका भुगतान भारत सरकार के जनजातीय काज मंत्रालय द्वारा उक्त संस्थान को किया जाता था। इस छात्रवृत्ति प्रोग्राम में 2 लाख रुपए की छात्रवृत्ति एस.सी. तथा एस.टी. के छात्रों को दी जाती थी। इस शिक्षण संस्थान ने हिमाचल में लगभग 8-9 शिक्षण संस्थान खोले हुए थे, जिसमें हजारों छात्र पंजीकृत थे। उक्त संस्थान पत्रकारिता के अलावा अन्य 2 विषयों में भी डिग्री प्रदान करता था। अन्य 1 विषय में तो परिणाम घोषित कर दिया था लेकिन 2 विषयों में अभी तक परीणाम घोषित नहीं किया है। 

इस संदर्भ में एक शिकायत आर.टी.आई. के माध्यम से वर्ष 2014 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को की थी परंतु मंत्रालय द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर प्रार्थी को नहीं दिया गया है। मंत्रालय द्वारा उक्त शिकायत समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में करने की सलाह दी गई थी, जिस पर प्रार्थी ने वर्ष 2015 में समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में उक्त विषय पर आर.टी.आई. दायर की थी। 21 माह बीत जाने के बाद भी इस संदर्भ में कोई भी उत्तर प्रार्थी को नहीं दिया गया है। फिर एक शिकायत पी.एम.ओ. कार्यालय भारत सरकार को भी प्रेषित की गई जहां से 23 सितम्बर, 2016 को पंजाब सरकार के चीफ सैके्रटरी को जांच के निर्देश दिए गए हैं परंतु 2 माह बीत जाने के बाद भी प्रार्थी को कोई जवाब नहीं दिया गया है।