HC के रिटायर जज से करवाई जाए बागवानी प्रोजैक्ट में गड़बड़ियों की जांच

Saturday, Aug 25, 2018 - 03:39 PM (IST)

शिमला: 1134 करोड़ के बागवानी विकास प्रोजैक्ट में हुई गड़बड़ियों की जांच हाइकोर्ट के रिटायर जज से करवाई जाए। फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता में कहा कि बागवानी परियोजना पर पैसा पानी की तरह बहाया गया है। प्रदेश में डा. वाइ.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वद्यिालय नौणी होने के बावजूद 92 करोड़ रुपए इस प्रोजैक्ट की कंसल्टैंसी के लिए दिए गए जबकि कंसल्टैंसी का काम नौणी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों से करवाया जा सकता था। उन्होंने सरकार से इसकी जल्द जांच की मांग उठाई है।

3 वर्षों में हर बार देरी से सेब के पौधे आयात करने का दिया ऑर्डर
उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना निदेशक द्वारा बीते 3 वर्षों में हर बार देरी से सेब के पौधे आयात करने काऑर्डर दिया गया। इस कारण हर बार मई और जून की भयंकर गर्मी में इटली से सेब के पौधे हिमाचल लाए गए जबकि हिमाचल में सेब की प्लांटेशन जनवरी व फरवरी माह में की जाती है। पौधे देरी से आयात करने से करीब 3 लाख पौधे बागवानों को देने से पहले ही सूख गए हैं। उन्होंने मौजूदा सरकार से प्रोजैक्ट को अच्छे से धरातल पर उतारने की मांग की है।

बागवानों से प्रति पेटी 3 रुपए की लूट कर रहा ए.पी.एम.सी.
उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने कृषि व बागवानी उपज को टैक्स फ्री करके खूब वाहावाही लूटी थी लेकिन कृषि उपज एवं विपणन समिति शिमला किन्नौर को लूट की खुली छूट दी है। शोघी, कुडू और नेरीपुल बैरियर पर ए.पी.एम.सी. बागवानों से प्रति पेटी 3 रुपए की लूट कर रहा है।

Vijay