नूरपुर की सड़कों पर अब तड़प-तड़प कर दम नहीं तोड़ते हैं घायल बेसहारा पशु

Monday, Dec 14, 2020 - 11:52 AM (IST)

नूरपुर (राकेश) : कुछ वर्ष पहले ऐसे दृश्य आम जन को काफी विचलित कर जाते थे जब क्षेत्र की विभिन्न सड़कों व राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों के कारण आए दिन बेसहारा पशु टकरा जाने के बाद कई दिन तड़पते रहते थे। उपचार के अभाव के बाद में कीड़ों से भर जाते थे तथा अंततः काल का ग्रास बन जाते थे। लेकिन गत 2 साल से यह परिदृश्य काफी सीमा तक बदल चुका है। अब शायद ही कोई पशु तथा खासकर गौवंश सड़क पर तड़पता नजर आता है या मौत के आगोश में समाता है। लोग हैरान हैं कि इस स्थिति में इतना परिवर्तन कैसे आया तथा वे कौन लोग हैं जो इन घायल पशुओं तथा गौवंश का न सिर्फ उपचार कर रहे हैं बल्कि उन्हें गौ सदनों तथा पशु चिकित्सालयों तक पहुंचा रहे हैं। इनकी चोट पर दवाई से मरहम-पट्टी तक लगाने का काम इस क्षेत्र के युवाओं की टीम मिलजुल कर करती है। अगर कोई संवेदनशील व विशाल हृदय वाला व्यक्ति इस कार्य में अपनी तरफ से कुछ मदद कर दे तो ठीक वर्ना यह टीम अपनी ही जेब से संयुक्त रूप से यह खर्चा करती है।

तन-मन-धन से जीवन बचा रहे घायल पशुओं का

इस टीम का नेतृत्व कर रहे नूरपुर के अर्पण चावला जिन्होंने अपना जीवन ही इन पशुओं तथा गौवंश के लिए समर्पित कर रखा है का कहना है कि कई बार तो दूरदराज की किसी सड़क पर पड़े किसी घायल पशु या गौवंश को जीप द्वारा गौसदन या पशु चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए जीव व वाहन का इंतजाम करना पड़ता है तथा इसममें काफी खर्चा भी करना पड़ता है, लेकिन दानी सज्जनों तथा टीम के सदस्यों की मदद से इस कार्य को सहज रूप से कर लेते हैं। सक्रिय रूप से इस टीम में अमन, कपिल, सचिन, महिंद्र, विनोद, आशुतोष, रोहित, शेखु, रॉकी, मोनू, कमल, सोरेन, अंकुश, रिंकु, बलदेव, तारा, अनिल, रवि, कर्ण अपना योगदान तन-मन-धन से दे रहे हैं।
 

prashant sharma