दुर्गा अष्टमी पर हिमाचल के शक्तिपीठों में उमड़ा आस्था का सैलाब

Wednesday, Oct 13, 2021 - 04:09 PM (IST)

ज्वालामुखी/नयनादेवी/चिंतपूर्णी (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में दुर्गा अष्टमी के दिन आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में अष्टमी पूजन के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे। ज्वाला माता को आज विशेष हलवे, पूरी व चने का भोग भी लगाया गया। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन कर मां ज्वालामुखी का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया।

मन्दिर न्यास सदस्य एवं पुजारी सौरभ शर्मा ने बताया कि अष्टमी के दिन महागौरी के रूप में दुर्गा माता की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि अष्टमी पूजन का विशेष महत्व होता है। अष्टमी के दिन श्रद्धालु ज्वाला मां को हलवे-पूरी व चने का भोग लगाते हैं और बाद में कन्या पूजन करते हैं। इसके अलावा अष्टमी नवरात्र के पावन उपलक्ष्य पर श्रद्धालु अपने छोटे-छोटे बच्चों का मुंडन संस्कार भी करवाते हैं और मां ज्वाला के जयकारे भी लगाते हैं।

नयनादेवी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व बिहार आदि राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने जहां पर माता के दरबार में अष्टमी पूजन किया वहीं प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां भी डालीं। सुबह से बाजार में भी काफी रौनक रही। बाहरी प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने खूब खरीदारी की। अष्टमी पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ के दृष्टिगत प्रशासन द्वारा पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। मंदिर में नारियल चढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहा।

चिंतपूर्णी: उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल माता चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र मेले के दौरान बुधवार को महा अष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। वीरवार को शारदीय नवरात्र मेले का समापन होने जा रहा है, जबकि उससे ठीक एक दिन पूर्व महा अष्टमी के मौके पर माता श्री चिंतपूर्णी का विशेष पूजा-अर्चना की गई। महा अष्टमी के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने माता की पावन पिंडी के दर्शन किए।

नाहन: दुर्गा अष्टमी के मौके पर ऐतिहासिक काली स्थान मंदिर में श्रद्धालुओं ने माता के चरणों में शीश नवाया। इस दौरान मंदिर समिति द्वारा जारी एसओपी का विशेष ध्यान रखा गया। मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। यहां न केवल हिमाचल बल्कि बाहरी राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने बताया कि कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से वे मंदिर में नहीं पहुंच पा रहे थे। मगर इस बार उन्हें देवी के दर्शन करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। मंदिर समिति के सचिव देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि काली स्थान मंदिर करीब 400 साल पुराना है जहां हिमाचल ही नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु भारी संख्या में माता के चरणों में शीश नवाने पहुंच रहे हैं।

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Content Writer

Vijay