उद्योग होने के बावजूद नौकरियों के लिए भटक रहे हिमाचली युवा

Tuesday, Jan 24, 2017 - 02:19 PM (IST)

बी.बी.एन.: प्रदेश में उद्योग होने के बावजूद हिमाचली युवा नौकरियों के लिए भटक रहे हैं जबकि नियमानुसार उद्योगों में 70 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार मिलना चाहिए। औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. की बात करें तो 245 उद्योगों में हिमाचलियों की संख्या 70 फीसदी से कम है तथा कई उद्योगों में तो हिमाचली 20 फीसदी से भी कम हैं। अहम बात तो यह है कि सरकार इन उद्योगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जिन 245 उद्योगों में कम हिमाचली हैं, उनमें यदि सरकार 70 फीसदी रोजगार दिला देती है तो 3,763 युवाओं को रोजगार मिल सकता है। इस क्षेत्र में मात्र 78 उद्योग ही ऐसे हैं जिनमें 100 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार दिया गया है। उद्योग विभाग के निदेशक शिमला राजेश शर्मा ने बताया कि जिन उद्योगों ने सरकार से इंसैटिव लिया है, उनमें से जिन उद्योगों में 70 फीसदी से कम हिमाचली हैं, उनको 70 फीसदी हिमाचलियों की शर्त पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। 


क्या कहते हैं विधायक
नालागढ़ विस क्षेत्र के विधायक के.एल. ठाकुर ने बताया कि उद्योगों में हिमाचलियों को 70 फीसदी रोजगार नहीं मिल रहा है तथा यह मामला उन्होंने इस विधानसभा सत्र में भी उठाया था। उन्होंने बताया कि उद्योगों में हिमाचलियों को ज्यादातर ठेकेदारों के पास ही रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे ठोस कदम उठाने चाहिए। 


क्या कहते हैं बावा
हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रदेशाध्यक्ष इंटक हरदीप बावा ने बताया कि सभी उद्योगों में 70 फीसदी हिमाचलियों की शर्त की कड़ाई से पालना करवाई जा रही है तथा सभी उद्योगों में 70 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार दिलाया जा रहा है। 


हमें गेट से ही कर दिया जाता है वापस
रोजगार की तलाश में भटक रहे आशीष कुमार, यूसुफ, इकबाल सिंह, हरीश कुमार, लक्की, अनु, रामभजन व कृष्ण लाल ने बताया कि वे रोजगार की तलाश में कई-कई माह से भटक रहे हैं लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जिस उद्योग में वे नौकरी के लिए जाते हंै, उनके गेट से ही उन्हें वापस कर दिया जाता है। 


नौकरी तो लगवा देंगे पर देनी होगी एक माह की एडवांस सैलरी
बी. फार्मा पास नीरज कुमार ने बताया कि वह रोजगार के लिए काफी दिनों से इधर-उधर भटक रहा है। एक दवा उद्योग में उाका इंटरव्यू हो गया था लेकिन ज्वाइनिंग के समय उद्योग प्रबंधक ने एक कंसलटैंट का नम्बर दे दिया कि इसके द्वारा ज्वाइन करवाया जाएगा और जब वह उक्त कंसलटैंट के पास गया तो कंसलटैंट ने कहा कि ज्वाइनिंग से पहले एक माह का वेतन उसे एडवांस में देना होगा जोकि वापस नहीं होगा।  


नौकरी न मिलने पर दी थी जान
मार्च, 2016 में नालागढ़ के तहत गांव खेड़ा निचला निवासी बी.टैक. पास युवा बलबीर सिंह ने योग्यता अनुसार नौकरी न मिलने से परेशान होकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। यह युवक बी.टैक. पास था जबकि उसे एक कंपनी में ठेकेदार के पास पैकिंग की नौकरी मिली थी। इसी तरह दिसम्बर, 2016 में चम्बा से नौकरी की तलाश में बद्दी आए अजय कुमार ने बद्दी में फंदा लगाकर जान दे दी थी।