इंदिरा ने अपनी कुर्सी के लिए देश को आपातकाल के गर्त में झोंका: शांता

Monday, Jun 25, 2018 - 03:59 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): तैयारी भारत भ्रमण की थी परंतु आपातकाल की घोषणा ने जेल पहुंचा दिया देश में आपातकाल की घोषणा हुई शांता कुमार शिमला में थे। ऐसे में देश व प्रदेश भर में चले गिरफ्तारियों के दाैर के चलते उनको भी शिमला से गिरफ्तार कर नाहन जेल भेज दिया गया। 19 महीने जेल में रहने के दौरान शांता ने पांच पुस्तकें लिखी। वहीं उन्होंने जेल में शेव न बनवाने का निर्णय लिया। ऐसे में उनके चेहरे पर लंबी दाढ़ी आ गई। यहां तक कि उनको उनके निकटतम मित्र पहचान नहीं पाते थे। 


दिगज भाजपा नेता ने आपातकाल के समय को याद करते हुए कहा कि एक नेता की कुर्सी बचाने के लिए पूरे देश को जेल खाना बना दिया गया था। 25 जून 1975 को आज ही के दिन देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि उस समय देश पर किसी प्रकार का कोई आक्रमण नहीं हुआ था, परंतु फिर भी एक नेता इंदिरा गांधी जिनके चुनाव को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था तथा वह प्रधानमंत्री नहीं बनी रह सकती थी।


ऐसे में देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई तथा नागरिकों के सभी मूल अधिकारों को समाप्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रदत्त सबसे महत्वपूर्ण जीने के अधिकार को भी आपातकाल के दौरान समाप्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि देश उस काले अध्याय को याद रखें तथा उस काले युग के सूत्रधारों को भी याद रखें। कुमार ने कहा कि आपातकाल के विरुद्ध हजारों लोगों ने संघर्ष किया तथा अपना बलिदान भी दिया। उन्होंने ऐसे लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि वह भी अपने अनेक साथियों के साथ 19 महीने जेल में रहकर संघर्ष करते रहे तथा उन्हें इस बात का गर्व है।


 

Ekta