संयुक्त युद्धाभ्यास: भारत-कजाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का खात्मा कर मिशन किया पूरा

Wednesday, Nov 15, 2017 - 03:34 PM (IST)

बकलोह (चंबा): चंबा जिले के बकलोह में भारत और कजाकिस्तान के बीच यहां एक पखवाड़े तक चले संयुक्त युद्धाभ्यास का अंत ‘संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ पर आतंकवादी हमले को रोकने वाली मॉक ड्रिल में साथ हुआ। दोनों देशों के सैनिकों ने योजनाबद्ध तरीके से जंगल के बीचोंबीच बने घर पर धावा बोला और वहां छिपे आतंकियों का खात्मा कर अपने मिशन को पूरा किया। इस टुकड़ी में भारतीय सेना के 11 गोरखा राइफल्स की तीसरी बटालियन और कजाकिस्तान सेना से समान संख्या में सैनिक शामिल थे। 


सैन्य अभ्यास का पहला संस्करण 2016 में कजाकिस्तान में हुआ  
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में समुद्र तल से 4584 फुट की ऊंचाई पर स्थित बकलोह छावनी में दो हफ्ते से ज्यादा चले अभियान ‘प्रबल दोस्तीक’ के तहत सैनिकों ने अभ्यास किया। सैन्य अभ्यास का पहला संस्करण 2016 में कजाकिस्तान में हुआ था। कजाकिस्तान मध्य एशिया का महत्वपूर्ण देश और खनिज संपन्न क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार है। अभियान के खत्म होने के पहले पहाड़ों में अभ्यास के दौरान गोलीबारी और धमाकों की आवाजें गूंजती रही। 


दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंध फरवरी 1992 में बने 
अभ्यास के अंत में 'संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन' के संयुक्त सैनिकों के तौर पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय पर संभावित आतंकी हमले को रोकने का काम किया। उधर, 11 गोरखा राइफल के कमांडिंग आफिसर कर्नल कपिल गौड़ ने बताया कि आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य आपरेशन में ऐसे संयुक्त अभ्यास रणनीतिक लिहाज से फायदेमंद होते हैं। रक्षा और राजनीति के क्षेत्र में सहयोग का भारत और कजाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है। भारत उन पहले देशों में शामिल है जिसने कजाकिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंध फरवरी 1992 में बने थे।