Increment के लिए अब शिक्षकों ने उठाया ये बड़ा कदम

Tuesday, Nov 15, 2016 - 12:57 PM (IST)

शिमला: अनुबंध से नियमित होने पर 3 प्रतिशत इंक्रीमैंट बंद करने व नियुक्ति तिथि से सिन्योरिटी न देने के मामले को लेकर अब शिक्षक कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। शिक्षकों ने कई बार ये मांगें सरकार के सामने रखीं लेकिन इन मांगों पर सरकार ने अभी तक कर्मियों को राहत नहीं दी है। इसके बाद अब शिक्षकों ने मामले को कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है। इससे पहले एक बार शिक्षक मामले को सरकार के समक्ष रखेंगे, इसके बाद ही कोर्ट जाएंगे। शिक्षकों का आरोप है कि अनुबंध के 5 साल काटने के बाद जब नियमित होते हैं तो सरकार 5 सालों से दे रही 3 फीसदी इंक्रीमैंट को बंद कर देती है जिससे कर्मियों को वित्तीय नुक्सान झेलना पड़ता है।


कई बार शिक्षकों ने यह मुद्दा वित्त विभाग व सरकार के समक्ष रखा लेकिन अभी तक मामला ज्यों का त्यों ही है। हाल ही में जो कर्मचारी नियमित किए गए हैं सरकार ने उनकी सलाना 3 प्रतिशत इंक्रीमैंट बंद कर दी है। इसी तरह शिक्षक डेट ऑफ ज्वाइनिंग से सिन्योरिटी देने की मांग भी सरकार से कर रहे हैं ताकि शिक्षकों को राहत मिल सकेऔर वे ग्रैच्युटी के लिए पात्र बन सकें और उन्हें अतिरिक्त लाभ भी मिल पाए। शिक्षकों का तर्क है कि डेट ऑफ ज्वाइनिंग से ही अनुबंध कार्यकाल जोड़ा जाए, ऐसे में यदि नियमित होने के लिए उन्हें 3-4 माह इंतजार करना पड़ता है तो उन्हें इसके लिए एक्सट्रा बैनिफिट दिया जाए। एच.जी.टी.यू. के अध्यक्ष वीरेन्द्र चौहान का कहना है कि इन मामलों को एक बार सरकार के सामने रखा जाएगा। इसके बाद यदि सरकार इन्हें नजरअंदाज करती है तो संघ कर्मियों के हक के लिए कोर्ट जाने को तैयार है। मामले पर सरकार को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।