प्रदेश में सिंचाई के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में हुई बढ़ौतरी, सिंचाई से बढ़ा कृषि का अतिरिक्त क्षेत्र

Friday, Oct 30, 2020 - 09:52 AM (IST)

पालमपुर (भृगु): सिंचाई के लिए किसान की आसमान की ओर टकटकी कम हुई है। वर्षा पर कृषि की निर्भरता कम होती दिख रही है। प्रदेश में सिंचाई के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में बढ़ौतरी हुई है। यद्यपि नया आंकड़ा राजस्व विभाग के अभिलेख में दर्ज नहीं हो पाया है परतुं कृषि विभाग के आकड़े इसके साक्षी बनें हैं। ऐसे में लगभग 40000 हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के अंतर्गत लाया गया है। माना जाता है कि प्रदेश में में मात्र लगभग 19 प्रतिशत कृषि भूमि ही सिंचाई के अंतर्गत आती है। वर्ष 1995 से वर्ष 2020 की अवधि में 30767 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सिंचाई के अंतर्गत लाया गया है। यद्यपि यह नया आंकड़ा अभी राजस्व रिकॉर्ड में अंकित नहीं हो पाया है। लगभग 8000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को जाइका के माध्यम से सिंचाई के अंतर्गत लाया गया है। जाइका के अंतर्गत 210 प्रोजैक्ट सिंचाई क्षमता उत्पन्न करने के लिए आरंभ किए गए। प्रथम चरण में 5 जनपदों में से पूरा कर लिया गया है तथा द्वितीय चरण में शेष सभी जनपदों में इसे आरंभ किया जा रहा है। ऐसे में प्रथम चरण में सिंचाई क्षमता पैदा करने के लिए आरंभ किए गए प्रोजैक्ट के माध्यम से लगभग 8000 हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा से जोड़ा गया है। कृषि विभाग अभी तक इन नए आंकड़ों को रेवेन्यू रिकॉर्ड में अंकित नहीं करवा पाया है। बताया जा रहा है कि इस हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि विभाग में इस संदर्भ में कृषि विश्वविद्यालय से भी सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।

Jinesh Kumar