दुर्गम क्षेत्रों में अब हर माह दी जाएगी सैलरी, बर्फबारी में दिक्कत होने की संभावना

Wednesday, Nov 22, 2017 - 04:51 PM (IST)

शिमला: प्रदेश सरकार जनजातीय दुर्गम क्षेत्र लाहौल-स्पीति, किन्नौर पांगी, भरमौर क्षेत्रों में ऑनलाइन बैंकिंग और ट्रेजरी सुविधा कर्मचारियों को मुहैया करवाएगी। जनजातीय क्षेत्रों में तैनात सरकारी कर्मचारियों को इससे पहले बर्फबारी होने से छह महीनों की एडवांस सैलरी एक मुश्त मिल जाती थी लेकिन इस व्यवस्था के ऑनलाइन हो जाने से अब प्रदेश के दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों हर महीने सैलरी देने की व्यवस्था की गई है।
 

बर्फबारी से बचने वाला सामान जुटाना मुश्किल
इस अधिसूचना को हिमाचल के वित्त विभाग ने जारी कर दिया है। इससे दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय निवासियों से लेकर वहां पर सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को दिक्कत होने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि एक साथ उन्हें बर्फबारी से बचने वाला सामान जुटाना मुश्किल होगा। वित्त विभाग विशेष सचिव व निदेशक डीडी शर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों व जिलों की ट्रेजरी को फरमान जारी कर दिए हैं।

दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में एडवांस वेतन देने की व्यवस्था
हालांकि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को सितंबर 2017 में मार्च 2018 तक का एकमुश्त वेतन दिया जा चुका है। नई व्यवस्था अप्रैल 2018 से सुचारू हो जाएगी। आपको बता दें कि दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में एडवांस वेतन देने की व्यवस्था 1960 के दशक से शुरू हुई थी। उपायुक्त पीएस वैष्णव ने एडवांस सैलरी व्यवस्था शुरू की थी। इस बारे में काजा के व्यापारी सुरेश ने बताया कि बर्फबारी से पहले लोगों के साथ कर्मचारियों को छह महीने का एकमुश्त राशन, कपड़ा, लकड़ी व अन्य सामानों का जुटाना होता है। यह सब जुटाना एक माह के वेतन से संभव हो पाना आसान नहीं होगा।