इन क्षेत्रों में शिक्षा की राह अब भी कठिन, पढ़ें पूरी खबर

Friday, Oct 19, 2018 - 10:41 AM (IST)

तीसा : केंद्र व प्रदेश की सरकारें बेहतर शिक्षा देने के दावे तो करती है लेकिन दुर्गम क्षेत्रों में इन दावों की पोल खुल रही है। उपमंडल चुराह के केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला के अंतर्गत पांच अन्य प्राथमिक स्कूल आते हैं। इन सभी स्कूलों में शिक्षकों का टोटा चल रहा है। ये सभी स्कूल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों की सूची में शामिल है। यहां स्कूलों में शिक्षा का स्तर बिना अध्यापकों के गिरना लाजिमी है। केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला आयल के अंतर्गत आने वाले चार स्कूलों में एक-एक अध्यापक तैनात है। ये अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ मिड-डे मील व अन्य कार्यालय से संबंधित कार्य भी देख रहे हैं। ये स्कूल उपमंडल चुराह के दुर्गम क्षेत्र तथा जम्मू-कश्मीर के सीमा के साथ सटे हैं। लचर प्राथमिक शिक्षा होने के चलते इस क्षेत्रों के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह रहे हैं।

चुनावों तक सीमित चुराह के पिछड़ेपन का दर्द
चुराह क्षेत्र के पिछड़ेपन का दर्द चुनावों के दौरान इस क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक जनसभा के मंच पर खूब छलकता है लेकिन जैसे ही चुनाव समाप्त होते हैं तो चुराह के इस दर्द को पूरी तरह से भुला दिया जाता है। सत्ता पक्ष सत्ता के मद में खो जाता है तो चुनाव में मिली हार के बाद विपक्षी दल खुद को पूरी तरह से मौन धारण कर लेता है। इन दोनों 
को फिर से आगामी चुनाव आने पर ही चुराह का राग अलापने का समय मिलता है।

kirti