वर्ष 1993 में कांग्रेस ने गैर चौधरी हरिकृष्ण चांद सैणी को टिकट देकर करवा दी थी जमानत तक जब्त

Monday, Nov 06, 2017 - 02:36 PM (IST)

कांगड़ा: विधानसभा सीट पर चालीस सालों से चौधरियों को राज रहा है। चौधरी समुदाय पूरी जातियों पर भारी पड़ जाता है। वर्ष 1977 से अब तक कोई भी गैर चौधरी इस लक्ष्मण रेखा को लांघ नहीं पाया है। कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के 72000 हजार मतदाताओं में से सत्तर फीसदी ओबीसी वर्ग से संबंधित हैं। चौधरियों की बहुतायत होने के कारण राजनीतिक दलों को भी सीट निकालने के लिए चौधरी समुदाय से कैंडिडेट मैदान में उतारना पड़ता है। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनावी समर में कांगड़ा सीट से संजय चौधरी पर दांव खेला है। कांग्र्रेस ने भी यहां चौधरियों का तादाद को ध्यान में रखकर पवन काजल को टिकट दी है।

चालीस साल से कांगड़ा विधानसभा पर चौधरियों को राज
वर्ष 1993 में कांग्रेस पार्टी ने कांगड़ा सीट से गैर चौधरी हरिकृष्ण चांद सैणी को टिकट दी है। नतीजा यह हुआ कि सैणी की जमानत भी नहीं बच पाई थी। भाजपा के चौधरी विद्यासागर ने रिकार्ड मतों से उन्हें पराजित किया है। इस पराजय को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने इसके बा चौधरी समुदाय का ही कैंडिडेट यहां से उतारना हमेशा उचित समझा है।

हिमाचल से आज तक नहीं बन पाया ओबीसी का सीएम
हिमाचल प्रदेश से आज तक कोई भी ओबीसी नेता सीएम की कुर्सी पर आसीन नहीं हो पाया है। कांगड़ा जिला में चौधरी समुदाय का दबदबा होने के बाद भी यहां से सीएम नहीं बन पाया है। हालांकि दोनों भाजपा और कांग्रेस पार्टियों में मंत्री पद चौधरी समुदाय को मिलते रहे हैं।  

वर्ष 2012 के चुनाव में पवन काजल ने दर्ज की थी जीत
कांगड़ा विधानसभा सीट से वर्ष 2012 के चुनाव में पवन काजल ने सुरेंद्र चौधरी 562 मतों से मात दी थी। इस दंगल में बीजेपी का कैंडिडेट तीसरे स्थान पर रहा था। हालांकि गैर चौधरी राजेश शर्मा ने भी यहां से साढ़े ग्यारह हजार वोट लिए थे। वे इस चुनाव में चौथे स्थान पर रहे थे।