हिमाचल में पहली बार 136 मतदान केंद्रों में इन कर्मचारियों पर होगा चुनाव का जिम्मा

Friday, Oct 13, 2017 - 01:49 AM (IST)

शिमला: पहली बार हिमाचल प्रदेश में ई.वी.एम. के साथ वी.वी. पैट (वोटर वैरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) का प्रयोग सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में पहली बार हर विधानसभा क्षेत्र के 2 मतदान केंद्रों अर्थात राज्य के 136 मतदान केंद्रों में चुनाव करवाने का पूरा जिम्मा महिला कर्मचारियों को सौंपा गया है। यहां पर सिर्फ महिला कर्मचारी ही तैनात होंगी। इस प्रक्रिया से 1 वोट डालने में करीब 7 सैकेंड का अतिरिक्त समय लगेगा। विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ अब अधिकारी एवं कर्मचारियों के तबादले चुनाव आयोग की अनुमति से होंगे। नई भर्ती एवं पदोन्नति प्रक्रिया भी अब आयोग की अनुमति से हो सकेगी। चुनावी घोषणा के साथ ही सरकारी उपलब्धियों को दर्शाने वाले होर्डिंग को प्रदेशभर से हटाया जाएगा। 

मोबाइल एप्प हिमाचल जनमत-2017 जारी 
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मोबाइल एप्प हिमाचल जनमत-2017 जारी किया गया है। मोबाइल एप्प के माध्यम से प्रदेश के सभी नागरिक विधानसभा चुनावों से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इस एप्प के तहत प्रदेश का कोई भी नागरिक किसी भी समय ई.वी.एम. के प्रयोग की जानकारी और वी.वी. पैट से डाले गए वोट की जानकारी हासिल कर सकेगा। एप्प के माध्यम से वे पोलिंग स्टेशन कहां-कहां स्थापित किए गए हैं और वोटर लिस्ट से संबंधित जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त लोगों की सुविधा के लिए निर्वाचन विभाग ने टोल फ्री और अन्य सहायक दूरभाष नम्बर स्थापित किए हैं, उनकी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। 

चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की भी मिलेगी जानकारी 
एप्प के तहत प्रत्येक नागरिक चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों का खाका देखने के साथ-साथ स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाताओं को जागरूक करने के विभिन्न माध्यमों की जानकारी भी हासिल कर सकेगा। इसी एप्प के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक मतदान केंद्रों में मुहैया करवाई जाने वाली विद्युत, पानी व शौचालय आदि विभिन्न मूलभूत सुविधाओं की जानकारी हासिल करने के साथ-साथ लोगों की जागरूकता से संबंधित वीडियो भी देख सकेगा। चुनावों से संबंधित फेसबुक और ट्विटर के माध्यम के साथ-साथ विभाग की तरफ से जारी की गई मिस्ड कॉल सेवा की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। 

नेताओं को छोडऩे होंगे सरकारी वाहन
राज्य में चुनावों की घोषणा के साथ ही अब नेताओं को सरकारी वाहन छोडऩे होंगे। मुख्यमंत्री, मंत्रियों व मुख्य संसदीय सचिवों को सरकारी वाहन सहित सभी सरकारी सुविधाएं छोडऩी होंगी, सिर्फ सरकारी कार्य से ही चुनाव आयोग के निर्देशानुसार इन्हें इस्तेमाल किया जाएगा।