नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका : अग्निहोत्री

Wednesday, Oct 21, 2020 - 10:23 AM (IST)

धर्मशाला (नवीन): नई शिक्षा नीति-2020 हितधारकों के विचार विषय पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता धर्मशाला केंद्रीय विवि के कुलपति डा. कुलदीप चंद चंद अग्निहोत्री ने कहा कि इस शिक्षा नीति के बल पर हम आधुनिक युग में प्रवेश करेंगे। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में हमारी प्रगति काफी पहले रूक गई थी। उसके बाद जो याात्रा शुरू हुई वह पश्चिमी ज्ञान-विज्ञान की बैसाखियों पर शुरु हुई। इसमें कोई दोराय नहीं कि ज्ञान-विज्ञान सबका है लेकिन जिन रहस्यों का उद्घाटन पश्चिम के चिंतकों ने किया है वो उसका भी पेटेंट करना चाहते हैं कि यह ज्ञान उनका है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं को फिर से केंद्र में लाने का प्रयास है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हर भाषा का सम्मान किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सही क्रियान्वयन का दायित्व शिक्षकों का है। यह सरकार द्वारा थोपी गई डयूटी नहीं है यह हमारा स्वधर्म है।

वेबिनार के संयोजक हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि के प्रोफेसर प्रो. मनोज कुमार सक्सेना ने कहा कि शिक्षा नीति का उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली में बहुत सारे परिवर्तन लाना है। उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि इस नीति में शिक्षा और शोध की गुणवत्ता को भी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ढालने की कोशिश की गई है जिससे हमारे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने के बजाय देश में ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके। राज्यपाल ने प्रोफेसर मनोज सक्सेना एवं अन्य द्वारा संपादित एक ई-पुस्तक नेशनल एजुकेशन पालिसी-2020  रिफ्लेकशंस फ्र ॉम स्टेकहोल्डर्स का लोकार्पण भी किया। वेबिनार को रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा, एसोसिएशन ऑफ  इंडियन यूनिवर्सिटीज के महासचिव डॉ. पंकज मित्तल, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के कुलपति प्रो. राजकुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आनंद शंकर बहादुर, आयोजन सचिव शाहिद अली उपस्थित थे।

Jinesh Kumar