टैक्नोमैक घोटाले में गिरफ्तार DGM ने किए अहम खुलासे, बढ़ सकता है गिरफ्तारियों का आंकड़ा

Wednesday, Jul 04, 2018 - 09:13 PM (IST)

शिमला (राक्टा): 4500 करोड़ रुपए से अधिक के बहुचर्चित टैक्नोमैक कंपनी के घोटाले में गिरफ्तार डी.जी.एम (अकाऊंट) विवेक कुमार ने सी.आई.डी. पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं, ऐसे में जांच एजैंसी जल्द ही कुछ अन्य गिरफ्तारियां भी कर सकती है। इसके साथ ही सी.आई.डी. ने जांच को आगे बढ़ाते हुए डी.जी.एम. विवेक कुमार की हैंडराइटिंग के नमूने भी लिए हैं। सूचना के अनुसार बुधवार को यह प्रक्रिया अमल में लाई गई, ऐसे में जांच एजैंसी अब उन्हें फोरैंसिक लैब को भेजेगी ताकि जांच में सामने आए साक्ष्यों को पुख्ता किया जा सके। सी.आई.डी. की क्राइम ब्रांच ने कर चोरी से जुड़े मामले में बीते दिनों ही कंपनी के डी.जी.एम. विवेक कुमार को गिरफ्तार किया था।


फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार करने का आरोप
विवेक पर फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार करने का आरोप है। छानबीन के दौरान जांच टीम को कई फर्जी बिल और दस्तावेज हाथ लगे हैं। ऐसे में सी.आई.डी. ने डी.जी.एम. की हैंडराइटिंग के नमूने लिए ताकि पता लगाया जा सके कि संबंधित दस्तावेजों पर किए गए हस्ताक्षर डी.जी.एम. विवेक कुमार ने ही किए हैं या किसी अन्य ने? सी.आई.डी. का दावा है कि पूछताछ में विवेक ने कई अन्य के नाम और उनकी भूमिका के भी खुलासे किए हैं। इससे पहले सी.आई.डी. ने कंपनी के अकाऊंटैंट रहे विवेक गुप्ता को भी गिरफ्तार किया था। वर्ष 2014 में कर चोरी का मामला सामने आने के बाद से टैक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन से जुड़े अधिकारी फरार चल रहे हैं, ऐसे में जांच टीम जगह-जगह उनकी तलाश कर रही है ताकि पूरे घोटाले की परतें उधेड़ी जा सकें।


छानबीन में हाथ लगे बिल व बैलेंस शीट
सूत्रों की मानें सी.आई.डी. को जांच के दौरान जो बिल, टर्नओवर और बैलेंस शीट के अलावा अन्य दस्तावेज मिले हैं, उन पर गिरफ्तार डी.जी.एम. (अकाऊंट) विवेक कुमार के हस्ताक्षर हैं। अधिकतर बिल और दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। ऐसे में पूछताछ के दौरान आगामी दिनों में कई राज खुल सकते हैं।


उत्पादन ज्यादा दर्शाकर ले लिया करोड़ों का कर्ज
नाहन से स्थापित की गई इंडियन टैक्नोमैक कंपनी प्रदेश में करोड़ों का गोलमाल कर फरार हो गई थी। सी.आई.डी. जांच में सामने आया है कि कंपनी ने जाली दस्तावेज तैयार कर क्षमता से अधिक उत्पादन दर्शाया और बैंकों से करोड़ों रुपए का कर्ज ले लिया। इसके साथ ही कंपनी ने वर्ष 2009 से लेकर 2015 तक उत्पादन ज्यादा दर्शाया। कंपनी ने घपला करने के साथ ही आयकर और टैक्स भी नहीं भरा।


करोड़ों की धोखाधड़ी में कई चेहरे शामिल
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कंपनी द्वारा की गई करोड़ों की धोखाधड़ी में कई चेहरे शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी का मालिक भी विदेश भाग चुका है। ऐसे में जांच एजैंसी सभी पहलुओं को देखकर आगामी कदम उठा रही है।


क्या बोले एस.पी. सी.आई.डी.
एस.पी. सी.आई.डी. संदीप धवल ने बताया कि जांच के तहत हैंडराइटिंग के नमूने लिए गए हैं और उन्हें अब जांच के लिए फोरैंसिक लैब में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि छानबीन के दौरान कई तथ्य उभर कर सामने आए हैं, जिनके आधार पर आगामी जांच अमल में लाई जा रही है।

Vijay