फर्जी IG बनकर उद्योगपतियों से 1.49 करोड़ की अवैध वसूली, मामले की जांच को SIT गठित

punjabkesari.in Friday, Feb 04, 2022 - 09:48 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल में फर्जी आईजी बनकर एक शातिर ने कालाअंब, बद्दी, नालागढ़ के साथ ही अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में अपने साथियों के साथ मिलकर उद्योगपतियों से 1.49 करोड़ की अवैध वसूली कर डाली। छानबीन में यह भी खुलासा हुआ है कि जब फर्जी आईजी औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करता था तो हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी भी अवैध रूप से उसके साथ जाते थे। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि किसी को फर्जी आईजी पर कोई शक न हो, ऐसे में पूरे मामले को लेकर सीआईडी के भराड़ी स्थित थाने में मुख्य आरोपी विनय अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 170, 419, 383 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है। 

डीजीपी संजय कुंडू ने किया एसआईटी का गठन 

पुलिस के अनुसार यह मामला कोई सफेदपोश अपराध नहीं है बल्कि इस अपराध के पीछे एक ऐसा गिरोह है, जिसकी कई कड़ियां हो सकती हैं, ऐसे में मामले की विस्तृत जांच के लिए डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी का गठन पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में किया गया है। इसके साथ ही एसपी ईओ डब्ल्यू, गौरव सिंह, एसपीआईडी क्राइम वीरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार सहित 2 इंस्पैक्टर, 5 सब-इंस्पैक्टर और 1 एएसआई को इसमें शामिल किया गया है। सामने आया है कि आरोपित विनय अग्रवाल खुद को केंद्र में आईजी बताकर अवैध वसूली करता था और उसने प्रदेश के कई क्षेत्रों में उद्योगपतियों से मोटी रकम वूसली है। 

वित्तीय जांच भी चलेगी, कई जगह बनाई संपत्तियां

हरियाणा के सोनीपत निवासी आरोपित विनय अग्रवाल के खिलाफ वित्तीय जांच भी चलेगी। कथित आरोप है कि उसने अवैध वसूली कर कई जगह संपत्तियां बनाई हैं। बीते दिनों उसके पंचकूला के सैक्टर-9 स्थित घर में भी जांच टीम ने दबिश दी थी। सीआईडी के पास यह इस वर्ष का पहला बड़ा आपराधिक मामला आया है। आरोपित के बैंक खातों को खंगालने का भी काम पूरा हो चुका है। सूत्रों के अनुसार किस खाते से कितनी धनराशि आई और किस खाते में कितनी राशि आगे ट्रांसफर हुई, उसकी पूरी जानकारी लगभग जुटा ली गई है। 

हरियाणा में भी चल रही जांच

इस मामले में पड़ोसी राज्य हरियाणा में जांच चल रही है। अवैध वसूली में वहां के अधिकारी या कर्मचारी तो संलिप्त नहीं हैं, इसका भी जल्द खुलासा होगा। आरोपित के साथ पुलिस की वर्दी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी के भेष में कौन-कौन आते थे, उनका पता लगाया जा रहा है। क्या वे हरियाणा पुलिस के थे या फिर वे भी फर्जी थे, इसकी पूरी कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। 

जल्द होगी गिरफ्तारियां 

इस मामले में कई साक्ष्य जांच टीम के समक्ष आए हैं, ऐसे में अब जल्द ही गिरफ्तारियों का दौर शुरू होगा। सूचनाओं के आधार पर संदिग्ध व्यक्तियों के साथ ही उन उद्योगपतियों के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं जिनसे जबरन वसूली की गई। इस मामले में आरोपित के रसूखधारों से ङ्क्षलक को भी तलाशा जा रहा है। 

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Content Writer

Vijay

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