छौंछ खड्ड के तटीयकरण में नियमों की उड़ रहीं धज्जियां, मूकदर्शक बने प्रशासन व सरकार

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 11:53 PM (IST)

इंदौरा (अजीज): इंदौरा में बाढ़ से निपटने के लिए लगभग आधे अरब रुपये की लागत से हो रहे छौंछ खड्ड तटीयकरण का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ कि इससे कथित गड़बड़झाले की बू आने लगी है क्योंकि यहां सरेआम पोकलेन और जे.सी.बी. मशीनें लगाकर न केवल अवैध खनन कर खड्ड का ही माल तटीयकरण में लगाया जा रहा है बल्कि स्थानीय लोगों की मानें तो तटीयकरण के लिए प्रयोग किए जाने वाले पत्थरों में निर्धारित भार से कम भार के पत्थर लगाए जाने का अनुमान है।

पुल के 100 मीटर के दायरे में भी अवैध खनन जोरों पर

गौरतलब है कि 16-16 करोड़ रुपए की लागत से 3 स्थानों पर छौंछ खड्ड में इंदौरा - पठानकोट वाया डाहकुलाड़ा मार्ग पर स्थित मलोट पुल के दोनों ओर तटीयकरण का काम जोरों से चला हुआ है, जिस पर बड़ी-बड़ी पोकलेन व जे.सी.बी. मशीनें लगाकर नियमों को ताक पर रखकर पुल से 100 मीटर के दायरे में भी अवैध खनन कर माल निकाला जा रहा है और करोड़ों रुपए की सरकारी सम्पदा का ही प्रयोग कर चांदी कूटी जा रही है। हैरानी की बात यह है कि यदि कोई आम आदमी ट्रैक्टर-ट्रॉली भरकर जा रहा हो तो पुलिस व प्रशासन उसका चालान काट देते हैं लेकिन छौंछ खड्ड में सरेआम मशीनरी से किए जा रहे खनन पर विभाग व प्रशासन मूक क्यों है, यह बात समझ से परे है।

क्रेटवॉल में प्रयोग होने वाले पत्थर भी अंडरवेट

यही नहीं, तटीयकरण की क्रेटवॉल में प्रयोग होने वाले कई पत्थर अंडरवेट लगाए जा रहे हैं जबकि विभाग द्वारा तय मानकों के अनुसार छौछ खड्ड के तटीयकरण में के्रटवाल में इस्तेमाल होने वाला कोई भी पत्थर 18 किलोग्राम से कम भार का नहीं होना चाहिए। इसके अतिरिक्त कोई भी बिना डोजर मिट्टी को दबाये हुए इस कार्य को आई.पी.एच. विभाग की देखरेख में आनन-फानन में किया जा रहा है और इस पर कोई भी कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है। करोड़ों की सामग्री बिना खनन विभाग की अनुमति से छौंछ खड्ड से उठाई गई और तटीयकरण में इस्तेमाल हो रही है, जिस पर सरकार और प्रशासन आंखे मूंद कर बैठे हैं, जिससे रोजाना हिमाचल सरकार को करोड़ों का नुक्सान हो रहा है।

क्या कहते हैं आई.पी.एच. विभाग के अधिकारी

आई.पी.एच. विभाग के एस.सी. पी.के. शर्मा ने बताया कि छौंछ खड्ड तटीयकरण में प्रयोग में लाए जाने वाले पत्थर का भार कम से कम 18 किलोग्राम होना चाहिए। जहां तक पोकलेन और जे.सी.बी. मशीन लगाकर खनन की बात है तो खनन विभाग को खनन का रेवेन्यु जमा करवाया जा रहा है और उसके बिल भी लिए जा रहे हैं।

क्या बोले खनन अधिकारी

खनन अधिकारी नीरजकांत ने बताया कि छौंछ खड्ड तटीयकरण की कितनी रॉयल्टी काटी गई है, कितनी रकम ट्रेजरी में जमा करवाई गई है। हमें इसकी कोई सूचना नहीं है। हमें तो यह भी सूचना नहीं है कि विभाग ने छौंछ तटीयकरण शुरू कर दिया है।


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Vijay

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