कसौली अवैध निर्माण मामला: TCP के 12 अफसरों को चार्जशीट करने की तैयारी

Tuesday, Oct 23, 2018 - 10:14 AM (IST)

सोलन: कसौली में अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार 12 अधिकारी चार्जशीट होंगे। सरकार ने इन अधिकारियों को चार्जशीट करने की तैयारी पूरी कर ली है। अब इन अफसरों को चार्जशीट में ही अपना पक्ष रखना होगा। फैक्ट फाइंडिंग इन्क्वायरी में इन सभी अफसरों को कसौली में 13 होटलों के अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार माना गया है। इसमें कहा गया है कि इन अफसरों के समय में ही ये अवैध निर्माण हुए थे। इसके आधार पर ही इनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। त्यौहारी सीजन में चल रही छुट्टियों के चलते चार्जशीट जारी नहीं हुई है। टी.सी.पी. के प्रधान सचिव के छुट्टी से लौटते ही चार्जशीट होगी। सरकार जिम्मेरदार अफसरों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने के मूड में है क्योंकि 25 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई है। हालांकि प्रदेश सरकार पहले ही माननीय कोर्ट में उन अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम दे चुकी है, जिनके समय में कसौली में 13 होटलों का अवैध निर्माण हुआ था। 

इनमें 8 राजपत्रित कर्मचारी (जिला टाऊन कंट्री प्लानर, सहायक टाऊन कंट्री प्लानर तथा टाऊन प्लानर) शामिल हैं जबकि 4 अराजपत्रित कर्मचारी (कनिष्ठ अभियंता ) शामिल हैं। विभाग ने पहले इन सभी अफसरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए थे लेकिन मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब इन अफसरों ने नोटिस के जवाब में बताया कि इन होटलों का अवैध निर्माण उनके समय में नहीं हुआ है। यह निर्माण या तो उनसे पहले हो चुका था या फिर बाद में हुआ है। मामले की सच्चाई जाने के लिए प्रदेश सरकार ने तथ्यान्वेषण जांच शुरू की। सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना अधिकारी आशीष कोहली को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। उन्होंने जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसमें होटल के अवैध निर्माण की अनुमति कब और किसके समय में दी गई, इसकी विस्तार से जानकारी दी गई है। 

बिजली-पानी के लिए किसके समय अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया, इसका भी जांच रिपोर्ट में ब्यौरा दिया गया है। विदित रहे कि 1 मई को कसौली के नारायणी  गैस्ट हाऊस में हुए शूटआऊट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण गिराने गई टाऊन प्लानर शैलबाला की मौके पर ही मौत हो गई थी और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब ने पी.जी.आई. चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन अधिकारियों के नाम मांगे थे, जिनके समय में यह अवैध निर्माण हुआ था। सुप्रीम कोर्ट में 8 अगस्त को इस मामले की सुनवाई हुई थी। टी.सी.पी. के 12 कर्मचारियों के नाम दिए, जिनके समय में इन होटलों का अवैध निर्माण हुआ था। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 25 अक्तूबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इन होटलों के अवैध निर्माण को गिराने के दिए थे आदेश 
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने बर्ड व्यू होटल, होटल पाइन व्यू, नारायणी गैस्ट हाऊस, नीलगिरि होटल, होटल दीप शिखा, एएए गैस्ट हाऊस, शिवालिक होटल, होटल विस्परिंग, ईशर स्वीट, सुदेश कुमारी , सनराइज कोटेज व 7 पाइनज होटल के अवैध निर्माण को गिराने के आदेश दिए थे।  

Ekta