मानसून में कुल्लू घूमने का प्लान कर रहे हैं तो पहले पढ़ लें यह खबर

Friday, Jun 15, 2018 - 11:11 AM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर): कुल्लू घाटी में जल्द ही मानसून का दौर शुरू होने वाला है। लेकिन अभी भी यहां कई ऐसे स्थान हैं जो सालों से वैसे ही खतरा बने हुए हैं। हालांकि जिला प्रशासन हर साल बारिश का मौसम गुजरने के बाद उन स्थानों को दुरुस्त करने की बात करता रहता है। लेकिन अभी तक उन स्थानों को ठीक करने की दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाए गए हैं। कुल्लू की मणिकर्ण घाटी, बंजार घाटी के कई ऐसे संपर्क मार्ग है। जो थोड़ी सी बारिश में ही कीचड़ से भर जाते हैं और पहाड़ों से मलबा गिरना शुरू हो जाता है। पहाड़ों से मलबा गिरने के कारण कई बार सड़क पर चल रहे वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और कई लोगों को इससे चोट भी आई है। 


प्रशासन भी आपदा प्रबंधन की बेहतरी का हवाला देकर उसे ठीक करने की बात करता है और उसके बाद कोई काम सिरे नही चढ़ पाता है। जिला में इन दिनों फोरलेन का काम भी प्रगति पर है। जिस कारण जगह-जगह पर पहाड़ों को काटा गया है। ऐसे में पहाड़ों से गिरने वाले पत्थरों व भूस्खलन को रोकने के लिए अभी तक कोई बढ़िया इंतजाम नहीं किए गए हैं। ऐसे में आने वाले बारिश के मौसम में पहाड़ से गिरने वाला मलबा प्रशासन के लिए आफत बन सकता है। 


उल्लेखनीय है कि करीब 2 साल पहले भी मणिकर्ण रोड पर कई जगह पहाड़ियों से बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर आकर गिरे था। जिस कारण मणिकर्ण घूमने आए सैलानियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। वही मणिकर्ण के गुरुद्वारा के ऊपर भी पहाड़ी से बड़ी बड़ी चट्टान गिरी थी। जिससे पंजाब से आए 6 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। उसके बाद प्रशासन द्वारा भी ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया था और ऐसे स्थानों को जल्द ठीक करने की बात भी की गई थी। लेकिन बारिश का मौसम ठीक होते ही वह स्थान वैसे की वैसे ही रह गए। इन दिनों जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी में रोजाना हजारों श्रद्धालुओं का आना जाना लगा हुआ है। ऐसे में अगर पहाड़ी से भूस्खलन होता है तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। 


इस बारे में एसडीएम कुल्लू डॉ अमित गुलेरिया का कहना है कि प्रशासन द्वारा प्री मानसून की तैयारियों के लिए बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में लोक निर्माण विभाग, आईपीएच विभाग सहित अर्धसैनिक बलों के संग भी बरसात के मौसम में दिक्कतों से निपटने के बारे में चर्चा की गई थी। वहीं भूस्खलन व अन्य स्थिति से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। जिला के कुछ ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं। जहां मलबा गिरने की आशंका ज्यादा बनी रहती है। वहां लोक निर्माण विभाग को अपनी मशीनरी तैनात करने के लिए कहा गया है।    

Ekta