IGMC में अल्ट्रासाऊंड करवाने जा रहे हैं तो पहले पढ़ें यह खबर

Friday, Jul 28, 2017 - 05:22 PM (IST)

शिमला: अगर आप हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में अल्ट्रासाऊंड करवाना चाहते हैं तो अपना समय बर्बाद न करें। उससे बेहतर है कि निजी लैब में मरीज का अल्ट्रासाऊंड करवाएं क्योंकि इन दिनों बिना सिफारिश के आपातकालीन स्थिति में भी कोई अल्ट्रासाऊंड नहीं होता है। डाक्टर द्वारा आपातकालीन स्थिति में अगर अल्ट्रासाऊंड करवाने के लिए कहा जाता है तो भी अल्ट्रासाऊंड रूम में तैनात अधिकारी तुरंत मना कर देते हैं या फिर अल्ट्रासाऊंड के रूम को बंद कर देते हंै। ऐसा ही उदाहरण आई.जी.एम.सी. में तब देखने को मिला जब कसुम्पटी की रहने वाली नीलम अल्ट्रासाऊंड करवाने आपातकालीन रूम में गई तो रूम में तैनात कर्मचारी व डाक्टर ने अल्ट्रासाऊंड करने से मना कर दिया। यहां तक कि महिला को अल्ट्रासाऊंड करने की तिथि पहले ही दे दी गई थी। 

गर्भवती महिला का नहीं हुआ अल्ट्रासाऊंड
हैरत है कि एक तरफ महिला ने गर्भावस्था के चलते इलाज करवाने के लिए के.एन.एच. जाना था और दूसरी ओर उसका अल्ट्रासाऊंड नहीं हुआ। जब गर्भावस्था में भी महिला मरीजों का अल्ट्रासाऊंड नहीं हो रहा है तो फिर इस स्थिति में मरीज कहां पर अल्ट्रासाऊंड करवाएं। रोजाना ही अल्ट्रासाऊंड रूम में तैनात कर्मचारी व डाक्टर की तानाशाही मरीजों पर भारी पड़ रही है लेकिन अगर उनके कोई जानने वाले लोग आ जाते हैं तो गंभीर बीमारी से पीड़ित न होने वाले मरीजों का भी अल्ट्रासाऊंड करवा देते हैं। यहां जिसकी सिफारिश होती है उसी का ही अल्ट्रासाऊंड होता है। वहीं आपातकालीन वार्ड में बना अल्ट्रासाऊंड रूम कभी भी खुला नहीं रहता है। दिन भर रूम बंद रहता है, ऐसे में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

...तो की जाएगी कार्रवाई 
जब आई.जी.एम.सी. के प्रधानाचार्य अशोक शर्मा से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर आपातकालीन वार्ड में अल्ट्रासाऊंड नहीं हो रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। ऐसा मामला मेरे ध्यान में नहीं आया है। वैसे आपातकालीन स्थिति में रोजाना अल्ट्रासाऊंड होते हैं।