अब गृह जिला में तबादला चाहिए तो लेगी होगी CM की मंजूरी

Tuesday, Oct 09, 2018 - 10:47 PM (IST)

शिमला (राक्टा): प्रदेश में यदि अब किसी कर्मचारी को अपने गृह जिला, गृह ब्लॉक, गृह रेंज या साथ लगते ब्लॉक, रेंज व सर्कल आदि में नियुक्ति या तबादला चाहिए होगा तो उसके लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी लेनी होगी। इसके तहत संबंधित मामलों से जुड़ी फाइल विभागीय अधिकारियों को केस की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री को भेजनी होगी, ऐसे में मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही संबंधित कर्मचारी का गृह जिला, ब्लाक या रेंज में तबादला हो सकेगा। इन निर्देशों की जद्द में प्रदेश के करीब 2 लाख से अधिक कर्मचारी आएंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में यदि मुख्यमंत्री कार्यालय से सामान्य डी.ओ. भी मंजूर हो तो तबादला हो जाता था लेकिन अब गृह जिला में तबादले के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से विभागीय फाइल पर मंजूरी लेना आवश्यक होगा।

विभागीय अधिकारियों को फाइल में करना होगा स्पष्ट
इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों को फाइल में यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि तबादले को लेकर किस तरह के आदेश पहले जारी हुए हैं तथा ट्रांसफर पॉलिसी में किस तरह की छूट व प्रावधान है। कार्मिक विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों व जिलाधीशों को इसे सख्ती से लागू करने की हिदायत दी गई है। प्रदेश के सरकारी विभागों, निगमों और बोर्डों में तैनात नियमित कर्मचारी भी इन निर्देशों की जद्द में आएंगे।

अपने स्तर पर नहीं ले पाएंगे फैसला
राज्य सरकार ने डू नॉट डिस्टर्ब के डी.ओ. से हो रही उलझन को समाप्त करने के लिए भी व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत स्पष्ट किया गया है कि यदि मुख्यमंत्री कार्यालय से किसी कर्मचारी के लिए डू नॉट डिस्टर्ब का डी.ओ. नोट जारी किया गया है और उसी पोस्ट पर दूसरे किसी कर्मचारी का तबादला कर दिया जाता है या डी.ओ नोट उसी पद पर तैनाती के लिए जारी किया जाता है तो ऐसी स्थिति में विभाग के अधिकारी या मंत्री अपने स्तर पर फैसला नहीं ले सकेंगे। उन्हें पूरे मामले की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को मंजूरी के लिए भेजनी होगी।

विभागीय अधिकारियों की उलझन भी होगी खत्म
प्रदेश सरकार ने रूटीन के तबादलों पर रोक लगा रखी है। ऐसा होने से मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी के बाद ही तबादले हो रहे हैं। इसके बावजूद राज्य में एक ही पद के लिए दो व उससे अधिक डी.ओ. पहुंचने से विभागीय अधिकारी खासे उलझन में हैं। ऐसे में इस उलझन को समाप्त करने के लिए संबंधित फाइलें मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

Vijay