जलवायु परिवर्तन न रोका तो भयावह होंगे परिणाम : दलाईलामा

Friday, Nov 13, 2020 - 08:35 PM (IST)

धर्मशाला (सौरभ): तिब्बत के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा ने जलवायु परिवर्तन के मसले पर एक बार फिर विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। दलाईलामा ने एक निजी चैनल से साक्षात्कार में चेतावनी दी है कि अगर विश्व भर में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो परिणाम भयावह होंगे। दलाईलामा ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। यदि जलवायु परिवर्तन के प्रति देशों का वर्तमान रवैया जारी रहा तो ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी को व्यावहारिक रूप से अपूर्ण क्षति हो सकती है।

उन्होंने कहा कि तिब्बत जैसे देश में नदियों के समृद्ध स्रोत हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग बढऩे से निकट भविष्य में शुष्क रेगिस्तान बन सकते हैं। तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को इस मसले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। बड़े राष्ट्रों को पर्यावरण की तरफ  अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि हथियारों पर लाखों खर्च करने की बजाय बड़े देशों को अपने संसाधनों को वैश्विक जलवायु के संरक्षण में बदल देना चाहिए। उन्होंनेे मजाकिया लहजे में कहा कि अगर वे किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होते हैं तो वह एक ग्रीन पार्टी होगी। दलाईलामा ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से बच्चों में पर्यावरण के संरक्षण की भावना को विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की देखभाल करना, अंतत: अपना ख्याल रखना है।

दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस से बचाव को लेकर उन्होंने कहा कि हालांकि इस कठिन समय में प्रार्थना फायदेमंद होती है लेकिन केवल प्रार्थनाओं पर भरोसा करना पर्याप्त नहीं है। शांतिदेव की एक प्रसिद्ध पंक्ति का हवाला देते हुए दलाईलामा ने कहा कि यदि किसी कठिनाई को दूर करने का कोई तरीका है तो ङ्क्षचता करने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन यदि कठिनाई दूर करने का कोई रास्ता नहीं है तो फि र ङ्क्षचता ही क्यों करें।

Vijay