अधिकारियों की कमी से जूझ रहा हिमाचल, IAS कैडर रिव्यू को नहीं मिली मंजूरी

Friday, Jul 13, 2018 - 07:22 PM (IST)

शिमला: अधिकारियों की कमी से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के आई.ए.एस. कैडर रिव्यू को अब तक अनुमति नहीं मिल पाई है। कैडर रिव्यू हर 5 साल के बाद होता है और इसके लिए बैठक का आयोजन इस साल फरवरी माह में हो चुका है। इस बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार हिमाचल प्रदेश को 4 आई.ए.एस. अधिकारी मिलने थे लेकिन अब तक यह फाइल लटकी हुई है। यानी इस साल 23 फरवरी को हुई बैठक के बाद कैडर रिव्यू पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। उल्लेखनीय है कि कैडर रिव्यू की यह बैठक तत्कालीन केंद्रीय कार्मिक विभाग के सचिव अजय मित्तल के साथ हुई थी जो हिमाचल प्रदेश से ही संबंध रखते थे। वे गत फरवरी माह में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद अधिसूचना को अभी तक जारी नहीं किया जा सका है।


कैडर की संख्या में 4 की बढ़ौतरी करने का निर्णय लिया
कैडर रिव्यू को लेकर पहले बैठक दिसम्बर, 2017 में होनी थी लेकिन विभिन्न कारणों के चलते इसमें विलम्ब हुआ, बाद में फरवरी, 2018 में कैडर रिव्यू बैठक की जरूर हुई, जिसमें कैडर की संख्या में 4 की बढ़ौतरी करने का निर्णय लिया गया। आई.ए.एस. अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार भी कैडर रिव्यू को लेकर शीघ्र केंद्र के निर्णय का इंतजार कर रही है ताकि अधिकारियों की कमी को पूरा किया जा सके। मौजूदा समय में कई नई तहसीलें और उप मंडलों को खोला है। इसे देखते हुए कैडर में बढ़ौतरी की पूरी संभावना है।


राज्य में 147 आई.ए.एस. अधिकारियों का कैडर
नई तहसीलों व उपमंडलों को चलाने के लिए अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारियों की आवश्यकता है, जिसका कैडर रिव्यू के समय आकलन किया गया है। इससे पहले राज्य में कैडर रिव्यू वर्ष, 2012 में हुआ था और अब 5 साल के अंतराल के बाद इसका रिव्यू किया गया है। राज्य में इस समय आई.ए.एस. अधिकारियों का कैडर 147 है। इसमें से करीब 30 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। कैडर रिव्यू के बाद सीधी भर्ती और पदोन्नति का कोटा भी बढऩे की संभावना है। इसी तरह अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) सहित अन्य पदों जैसे प्रधान सचिव, सचिव और विशेष सचिव की संख्या को तय किया जाएगा।


केंद्र से निर्णय का इंतजार : सक्सेना
प्रधान सचिव कार्मिक प्रबोध सक्सेना का कहना है कि कैडर रिव्यू को लेकर अभी केंद्र के निर्णय का इंतजार है। प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर लगातार केंद्रीय मंत्रालय से संपर्क में है।

Vijay